“कथावाचक आम आदमी की हैसियत से परे”: अखिलेश यादव का बड़ा बयान, BJP/भाजपा पर साधा निशाना

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“कथावाचक आम आदमी की हैसियत से परे”: अखिलेश यादव का बड़ा बयान, BJP/भाजपा पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश के इटावा में हाल ही में एक कथावाचक से जुड़ा मामला गरमा गया है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस मामले पर लगातार नेताओं की बयानबाजियां सामने आ रही हैं।

इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कथावाचकों पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि इनकी कमाई इतनी मोटी होती है कि यह आम आदमी की पहुंच से कोसों दूर है।

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अखिलेश यादव ने कथावाचकों पर तीखा प्रहार किया

 

अखिलेश यादव ने कथावाचकों पर साधा निशाना

इटावा मामले को लेकर अखिलेश यादव काफी नाराज दिखे। उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए देशभर के कथावाचकों पर तंज कसते हुए कहा कि यह मोटी कमाई करने का एक नया “धंधा” बन गया है।

अखिलेश यादव ने दावा किया कि देश में कई ऐसे कथावाचक हैं जो एक कथा के लिए ₹50 लाख तक फीस लेते हैं। उन्होंने सीधे तौर पर कहा, “आम आदमी की हैसियत नहीं है कि धीरेंद्र शास्त्री को बुला ले।

” उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई उन्हें अपने घर कथा के लिए बुलाना चाहे, तो वे “अंडर टेबल मोटा पैसा लेते हैं”, जो आम आदमी की पहुंच से काफी परे है। अखिलेश यादव के अनुसार, “आज केवल ये मोटी कमाई करने का जरिया है और कुछ नहीं।

इनकी कथा करने की फीस इतनी है कि लोग अपने घरों में इतनी कथा नहीं करवा पाते हैं।” यह बयान कथावाचकों के व्यावसायिक पक्ष पर सवाल उठाता है और उन्हें एक ऐसे वर्ग के रूप में प्रस्तुत करता है जो आम जनता की धार्मिक भावनाओं का लाभ उठा रहा है।

 

सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर बोला हमला

अखिलेश यादव का बयान बिना BJP/ भाजपा पर हमला किए पूरा हो, ऐसा शायद ही होता है। कथावाचकों पर प्रहार करते हुए सपा अध्यक्ष ने एक बार फिर BJP/ भाजपा को अपने निशाने पर ले लिया।

सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि BJP/”भाजपा राज में सिर्फ सेटलमेंट पॉलिसी चल रही है।” उन्होंने व्यापारियों की स्थिति को “आपातकाल जैसे हालात” बताया। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार सिर्फ बिचौलियों का मुनाफा बढ़ाने के लिए काम कर रही है और भाजपा के लोग ही मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि व्यापारियों की हालत ठीक नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि “जब तक देश में बीजेपी रहेगी, देश और राज्य का विकास सही तरीके से होना संभव नहीं है।” उनके अनुसार, BJP/भाजपा हर क्षेत्र में अपना “राज जमाना चाहती है”।

सपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि BJP/भाजपा अपनी “चंदा पॉलिसी के तहत व्यापारियों से नजराना वसूल रही है”। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में निवेश के लिए “एडवांस कमीशन” की मांग हो रही है और जिस तरह का टैक्स सिस्टम लगाया गया है, उससे व्यापारियों को ठगा जा रहा है। उन्होंने “व्यापारियों को झूठे जीएसटी नोटिस भेजे जाने” का भी जिक्र किया।

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सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर बोला हमला

BJP भाजपा पर ‘सेटलमेंट’ का आरोप

अखिलेश यादव ने BJP/भाजपा पर सिर्फ “सेटलमेंट पॉलिसी” चलाने का आरोप दोहराया। उन्होंने चेतावनी दी कि “जो भी व्यापारी आवाज उठाएगा, उसके खिलाफ इतनी छापेमारी की जाएगी कि वह बर्बाद हो जाएगा।” उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की कि वे व्यापारियों की अधिकारियों से रक्षा के लिए काम करें।

अंत में, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में व्यापारी सपा का साथ देंगे। यह बयान व्यापारियों के बीच BJP/भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी को भुनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

कुल मिलाकर, अखिलेश यादव के इस बयान ने कथावाचकों की कमाई और उनकी फीस को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है, वहीं भाजपा सरकार पर भी भ्रष्टाचार और व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाकर राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।

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