पूरन सुसाइड: परिवार ने CM के सामने रखी 4 मांगें
चंडीगढ़: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई.Puran Kumar की कथित आत्महत्या (7 अक्टूबर 2025) का मामला देश के प्रशासनिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी मृतक अधिकारी का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है, क्योंकि उनकी पत्नी, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार, न्याय की मांग को लेकर अड़ी हुई हैं। परिवार ने साफ कह दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी और सुसाइड नोट में नामजद अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
पोस्टमार्टम में देरी का मुख्य कारण
पोस्टमार्टम में देरी का सीधा कारण आईपीएस Puran Kumar की पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार का लिखित इनकार है। Puran Kumar ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या की थी और अपने पीछे एक नौ पन्नों का ‘फाइनल नोट’ छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कई वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. Puran Kumar की कथित आत्महत्या (7 अक्टूबर 2025) के बाद, उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने न्याय सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक विस्तृत ज्ञापन/पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने न केवल अपने पति की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया, बल्कि व्यवस्था की चुप्पी और उत्पीड़न के दोषियों पर कार्रवाई में देरी को लेकर कड़ा रुख भी अपनाया।

एक पत्नी का संघर्ष: न्याय के लिए 4 मानवीय मांगें
1. सभी नामजद अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी और निलंबन
2. पत्नी और दो बेटियों को स्थायी सुरक्षा
3. सुसाइड नोट को ‘मरणोपरांत बयान’ (Dying Declaration) माना जाए
4. न्याय में विश्वास बहाल हो
परिवार का कहना है कि जब तक इन मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक आईपीएस Puran kumar का शव मोर्चरी में ही रहेगा—प्रशासनिक उत्पीड़न के खिलाफ न्याय की एक मूक गवाही बनकर।
ये भी पढ़ें…….
गत्ता कंपनी में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर राख
हमारे दूसरे प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें…..