ग्रेटर नोएडा वेस्ट: कासा ग्रीन्स बायर्स 8-9 साल से रजिस्ट्री के लिए परेशान, DM के 3rd नोटिस के बावजूद बिल्डर अड़ी राय, अब विलंब शुल्क ₹100/दिन की मार
ग्रेटर नोएडा, 10 अक्टूबर 2025 (स्पेशल रिपोर्ट): ग्रेटर नोएडा वेस्ट के कासा ग्रीन्स-1 सोसाइटी के 225 फ्लैट बायर्स करीब 8-9 साल से अपनी रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं। बिल्डर राधाकृष्ण टेक्नो बिल्ड प्रा. लि. (जिसका प्रमुख नवीन गोयल है) पर जानबूझकर देरी का आरोप लगाते हुए बायर्स ने अब ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ से शिकायत करने का फैसला किया है। DM मेधा रूपम के कार्यालय से जारी तीसरे नोटिस के बावजूद बिल्डर ने न तो रजिस्ट्री का कैंप लगाया और न ही कोई प्लान बताया। उल्टा, नोटिस को ‘आते-जाते रहते हैं’ बताकर टालता जा रहा है।
इस देरी से बायर्स पर अब 3 सितंबर 2025 से ₹100 प्रति दिन विलंब शुल्क चुकाने की देनदारी बढ़ रही है, जिससे सोसाइटी में भारी रोष व्याप्त है।सोसाइटी के एओए (एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट्स) के सचिव महेश यादव के नेतृत्व में बायर्स ने 16 सितंबर को DM मेधा रूपम से मुलाकात की थी। डीएम ने सहायता का आश्वासन दिया और अगले ही दिन (18 सितंबर) सहायक महानिरीक्षक (निबंधन) के माध्यम से बिल्डर को 15 दिनों में सभी 225 बायर्स की रजिस्ट्री के लिए कैंप लगाने का नोटिस जारी कर दिया।
यह तीसरा ऐसा नोटिस था, लेकिन 3 अक्टूबर तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिल्डर ने न DM कार्यालय को जवाब दिया, न बायर्स से मुलाकात की।बायर्सों का आरोप है कि बिल्डर ने हाल ही में एक महीने में सभी से अतिरिक्त ₹5,000 कैश वसूले, लेकिन रजिस्ट्री नहीं कराई। सभी टावरों की ओसी (ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) और 143 फ्लैट्स की रजिस्ट्री परमिशन उपलब्ध होने के बावजूद बिल्डर ‘परेशान करने के इरादे’ से टालमटोल कर रहा है।
महेश यादव ने बताया, “हम 8-9 साल से इंतजार कर रहे हैं। बिल्डर का अड़ियल रवैया देखकर अब ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ से मिलेंगे। बिल्डर ने खुद की पेनल्टी बचाने के लिए अमिताभ कांत कमेटी की रिहैबिलिटेशन स्कीम अपनाई, लेकिन लास्ट किस्त में 1.5 करोड़ रुपये न देने से 80 फ्लैट्स की परमिशन पेंडिंग है। इससे हमारी जेब पर बोझ पड़ रहा है।
“बिल्डर पर 1.5 करोड़ का बकाया, बायर्स पर शुल्क का जालग्रेनो अथॉरिटी के पास बिल्डर पर 1.5 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसके कारण 80 फ्लैट्स की रजिस्ट्री परमिशन अटकी हुई है। बायर्सों का कहना है कि बिल्डर अपनी गलती बायर्स पर थोप रहा है। 3 सितंबर 2025 से विलंब शुल्क शुरू हो चुका है, जो प्रति फ्लैट ₹100 प्रतिदिन है। अगर देरी जारी रही, तो यह रकम हजारों में पहुंच जाएगी। बायर्सों ने पहले ही DM मेधा रूपम और एआईजी (निबंधन) ब्रजेश कुमार को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की थी।
लेकिन बिल्डर ने नोटिस अवधि में कोई कदम नहीं उठाया। नोटिस के बाद बिल्डर का बयान आया कि “ऐसे नोटिस आते रहते हैं, परवाह नहीं।” इस रवैये से नाराज बायर्स ने शिकायत मुख्य मंत्री पोर्टल, मुख्य सचिव, ग्रेनो अथॉरिटी चेयरमैन, सीईओ, DM और पुलिस कमिश्नर को ईमेल कर दी है।सोसाइटी में व्याप्त रोष, आगे की रणनीतिकासा ग्रीन्स-1, जो राधेय कृष्णा ग्रुप का प्रोजेक्ट है, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित है। यह 2 और 3 बीएचके फ्लैट्स वाला रेडी-टू-मूव प्रोजेक्ट है, लेकिन रजिस्ट्री विवाद से बायर्स परेशान हैं।
एओए सचिव महेश यादव ने कहा, “हमारी मांग है कि बिल्डर पर सख्त कार्रवाई हो और विलंब शुल्क माफ किया जाए। अगर जरूरी हुआ, तो कोर्ट का रास्ता भी अपनाएंगे। “ग्रेनो अथॉरिटी और DM कार्यालय से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बायर्सों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई न हुई, तो सोसाइटी स्तर पर आंदोलन तेज होगा। यह मामला नोएडा-ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ती बायर्स की परेशानियों को उजागर करता है, जहां देरी और अतिरिक्त वसूली आम हो गई है।
ये भी पढ़ें…….
गत्ता कंपनी में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर राख
हमारे दूसरे प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें…..