लोकसभा चुनाव से पहले मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और
कांग्रेस के गठबंधन लगभग तय हो गया है। औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। कांग्रेस के नौ पार्षद इस
बार आप के मेयर प्रत्याशी का समर्थन करेंगे, जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने आप पर लोकतंत्र की
हत्या करने का आरोप लगाते हुए चुनाव का बहिष्कार किया था। इससे पहले हुई निगम सदन की करीब
हर बैठक में आप के विरोध में भाजपा के साथ कांग्रेस के पार्षद भी शामिल होते थे।
अब आप और कांग्रेस दोनों दलों के नेता कह रहे हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से स्थिति बदल
गई है। भाजपा को किसी भी हाल में रोकने के लिए दोनों दलों ने कंधे से कंधा मिलाकर चलने का
फैसला किया है।
कांग्रेस पार्षद शगुफ्ता चौधरी ने बताया कि लोकसभा चुनाव में हमारा गठबंधन है। इसे
एमसीडी में भी हम आगे लेकर जा रहे हैं। कांग्रेस पार्षद समीर अहमद ने बताया कि पार्टी जो भी स्टैंड
लेगी वे समर्थन करेंगे।
वहीं, आप के पार्षदों का कहना है कि कांग्रेस के साथ आने से एमसीडी में स्थिति
और भी मजबूत हो गई है। फिलहाल, दोनों दलों की ओर से गठबंधन की औपचारिक घोषणा होनी बाकी
है। दूसरी तरफ भाजपा मेयर चुनाव लड़ेगी या नहीं, अभी ये साफ नहीं है।
गठबंधन की नजर होगी स्टैंडिंग कमेटी पर
गठबंधन की नजर मेयर चुनाव से ज्यादा स्टैंडिंग कमेटी पर है। मौजूदा समय में निगम के 12 जोनों में
से सात में आप का बहुमत है
और पांच में भाजपा बहुमत में है। इससे पहले भाजपा को ये उम्मीद थी
कि कांग्रेस के पार्षद स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में शायद उसकी तरफ आ सकते हैं। आप को भी तब
कमोबेश ऐसी उम्मीद थी
कि कांग्रेस उसका समर्थन नहीं करेगी, लेकिन अब कांग्रेस व आप के साथ आने
से स्थिति बदल जाएगी। अब स्टैंडिंग कमेटी में गठबंधन को फायदा मिलने के आसार दिखने लगे हैं।
फायदे वाला हो सकता है गठबंधन
आप और कांग्रेस दोनों के लिए गठबंधन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए कांग्रेस को जोन
कमेटियों और स्टैंडिंग कमेटी में जगह मिल सकती है।
गठबंधन के बाद कैसी होगी स्थिति
–250 निगम सदस्य
-7 सांसद
-3 राज्यसभा सदस्य
-14 विधायक
(कुल – 274 वोट)
आप-कांग्रेस गठबंधन
आप – 134 सदस्य
कांग्रेस – 9 सदस्य
निर्दलीय – 1
राज्यसभा सदस्य -3
विधायक – 13