राजधानी दिल्ली में प्रदूषण फिर पाँव पसार रहा है। दिल्ली सरकार
इससे निपटने में नाकाम साबित हो रही है। बार-बार पाबंदियां लगाई जाती है लेकिन इससे निपटने के
लिए ठोस कदम नहीं उठाये जाते।
यह कहना आर.डब्लू.ए राम नगर के संस्थापक अध्यापक दीपक शर्मा
का। दीपक शर्मा कहते हैं सर्दी के साथ-साथ एक बार फिर से प्रदूषण बढ़ रहा है। हवा एक बार फिर से
जहरीली होती जा रही है।
भीषण ठंड के बीच प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। दिल्ली का
एक्युआइ तीन सौ साथ के आसपास पहुंच गया है। बीते रविवार को यह करीब साढे चार सौ के आसपास
पहुंच गया था। जो कि खतरनाक श्रेणी में आता है। दिल्ली में एयर इंडेक्स चार सौ के आस पास पहुंच
रहा है
और दिल्ली की सरकार केवल यह उम्मीद लगाये हुए है कि मौसम विभाग की भविष्याणी सही
साबित हो जाए और कुछ समय के लिए इंद्र देवता मेहरबान हो जाए और बरसात प्रदूषण से राहत दिला
दें। आखिर कब तक दिल्ली की सरकार बरसात के भरोसे रहेगी। सरकार को इस ओर कोई ठोस नीति
बनानी होगी। दीपक शर्मा कहते हैं दिल्ली सरकार खोखली बयानबाजी तथा भविष्य की घोषणा करके
लोगो को भ्रमित करती रही है जबकि प्रदूषण से लोग लगातार प्रभावित होकर बीमारियों से जूझ रहे है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहन का धुआं और सड़कों से उड़ने वाली धूल है,
जिस पर नियंत्रण करने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार
देश की राजधानी में दमघोटू प्रदूषण का निवारण करने असहाय होना सरकार की सबसे बड़ी कमजोरी
साबित हो रही है।