भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज
तिवारी ने एक बार फिर केजरीवाल पर दिल्ली के विकास में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है
उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के विकास के सबसे बड़े शत्रु हैं और यह साबित करने के लिए आज
भारत के सर्वोच्च न्यायालय कि वह टिप्पणी काफी है
जिसमें जिसमें रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम
(आरआरटीएस) के लिए तय राशि न देने पर दिल्ली सरकार का आरक्षित विज्ञापन बजट सीज करने और
योजना के लिए जरूरी राशि की भरपाई करने के लिए ट्रांसफर करने की चेतावनी दी गई है इतनी बड़ी
टिप्पणी के बाद किसी भी संवैधानिक सरकार के लिए शर्म की बात है पर यह तो अरविंद केजरीवाल की
सरकार है।
मनोज तिवारी ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है और
जनहित की योजनाओं के लिए बाधा उत्पन्न करने वाली ऐसी चुनी हुई सरकारों के विरुद्ध कठोर
कार्यवाही तो होनी ही चाहिए और अगर संविधान में गुंजाइश हो तो ऐसी सरकार को बर्खास्त करने की
भी कार्यवाही होनी चाहिए फिलहाल दिल्ली के विकास शत्रु की हर-हरकत दिल्ली की जनता जान चुकी है
और भारत के सर्वोच्च न्यायालय की कठोर टिप्पणी के बाद यह जानना चाहती है कि दिल्ली के विस्तार
एवं विकास की योजनाओं को कब मंजूरी मिलेगी और दिल्ली के लोगों को कब राहत मिलेगी।