67 वर्ष के हुये अनिल कपूर

बॉलीवुड के जानेमाने अभिनेता अनिल कपूर आज 67 वर्ष के हो गये। 24
दिसंबर 1959 को मुंबई के चेंबूर इलाके की छोटी सी बस्ती में जन्में अनिल कपूर के पिता सुरेन्द्र कपूर
फिल्म निर्माता थे।

घर में फिल्मी माहौल में रहने के कारण वह अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने
चले जाते और अभिनेता बनने का सपना देखा करते। अनिल कपूर के पिता ने फिल्मों के प्रति उनके
बढ़ते रूझान को पहचान लिया और उन्हें इस रास्तें पर चलने के लिये प्रेरित किया। अनिल कपूर ने
अपने सिने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1979 में प्रदर्शित फिल्म ‘हमारे तुम्हारे’ से की लेकिन कमजोर
पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से नकार दी गयी। वर्ष 1982 में
उन्हें दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘शक्ति’ में काम करने का मौका मिला लेकिन
इससे उन्हें कुछ खास फायदा नहीं पहुंचा।


वर्ष 1983 में अनिल कपूर को अपने पिता के बैनर तले बनी फिल्म ‘वो सात दिन’ में काम करने का
अवसर मिला। इस फिल्म में उनके सामने कला फिल्मों के महारथी नसीरूदीन शाह थे लेकिन अनिल
अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे। फिल्म की सफलता के बाद वह कुछ हद
तक अपनी पहचान बनाने में सफल रहे ।वर्ष 1985 मे अनिल कपूर को यश चोपड़ा की फिल्म ‘मशाल’
में काम करने का अवसर मिला। यूं तो पूरी फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार के इर्द गिर्द घूमती थी लेकिन
अनिल कपूर ने फिल्म में अपनी छोटी सी भूमिका में दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म में दमदार
अभिनय के लिये उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला।

वर्ष 1987 में प्रदर्शित फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ अनिल कपूर के सिने कैरियर की सबसे कामयाब फिल्म
साबित हुयी। शेखर कपूर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे युवक की भूमिका
निभायी जिसे एक चमत्कारी यंत्र मिल जाता है जिसके सहारे वह गायब हो सकता है। बाद में अपने देश


को बर्बादी से बचाने के लिये वह खलनायक से मुकाबला करता है और उसे हराकर विजयी बनता है। वर्ष
1988 में अनिल कपूर के सिने कैरियर की एक और अहम फिल्म ‘तेजाब’ प्रदर्शित हुयी। एन चंद्रा के
बैनर तले बनी इस फिल्म में अनिल कपूर ने एक सीधे सादे नौजवान की भूमिका निभायी जो देश और
समाज के प्रति समर्पित है लेकिन समाज के फैले भ्रष्टाचार की वजह से वह लोगो की नजर में तेजाब
बन जाता है जो सारे समाज को जलाकर खाक कर देना चाहता है। तेजाब और मिस्टर इंडिया जैसी
फिल्मों की सफलता के बाद उनकी तुलना अमिताभ बच्चन से होने लगी। दुष्टो की मौत बनकर तूफान
की तरह रूपहले पर्दे पर आने वाले अनिल कपूर ने न सिर्फ प्रतिशोध की भावना लिये किरदार निभाये.
वहीं भावुक और हास्य अभिनय कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


वर्ष 1989 में अनिल कपूर की फिल्म ‘ईश्वर’ प्रदर्शित हुयी जिसमें दर्शकों को उनके अभिनय का नया रंग
देखने को मिला। पहले इस फिल्म का तेलुगू संस्करण बनाया गया था जिसमें अभिनेता कमल हासन ने
मुख्य भूमिका निभाई थी। अनिल कपूर ने इसे चुनौती के रूप में लिया और अपने भावात्मक अभिनय से
दर्शकों का दिल जीत लिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर के सवश्रेष्ठ
अभिनेता के लिये नामांकित भी किये गये। वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘बेटा’ में अनिल कपूर के सिने
कैरियर की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे युवक की
भूमिका निभायी जो अपनी सौतेली मां से बहुत प्यार करता है जबकि उसकी मां उससे उसे बर्बाद करने
के लिये उसकी जान लेने से भी नहीं हिचकती बावजूद उसे अपनी मां पर पूरा भरोसा है। फिल्म में
अनिल कपूर ने भावुक किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।

जिसे वह स्वीकार कर लेते है और देश के सामने मुख्यमंत्री के रूप में अमरीश पुरी के
किये गये गलत कार्यों को बेनकाब कर देते है। वर्ष 2002 में प्रदर्शित फिल्म ‘बधाई हो बधाई’ के जरिये
अनिल कपूर ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और इस फिल्म में अभिनय भी किया
लेकिन दुर्भाग्य से फिल्म को टिकट खिडकी पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने माई
वाइफ मर्डर. गांधी माय फादर और जैसी फिल्मों का भी निर्माण किया लेकिन इस बार भी ये फिल्में
टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी।


वर्ष 2009 में प्रदर्शित फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ अनिल कपूर अभिनीत महत्वपूर्ण फिल्मों में शामिल
है। इस फिल्म के जरिये उन्होंने अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनायी। मुंबई के झोपडपट्टी
के पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में अनिल कपूर ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा ‘कौन

बनेगा करोड़पति’ में निभाये गये एंकर की भूमिका को पूरी शिद्दत के साथ निभाया। उल्लेखनीय है कि
इस फिल्म के जरिये संगीतकार ए आर रहमान और गीतकार गुलजार ने आस्कर जीतकर नया इतिहास
रच दिया।


अनिल कपूर के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के साथ काफी पसंद की गयी।
उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म ‘तेजाब’ में पसंद की गयी। बाद में अनिल कपूर
और माधुरी दीक्षित की जोडी ने परिंदे, राम लखन, किशन कन्हैया, जीवन एक संघर्ष, जमाई राजा, खेल,
बेटा, जिंदगी एक जुआ और राजकुमार जैसी फिल्मों में भी एक साथ काम कर दर्शकों का भरपूर
मनोरंजन किया। माधुरी के अलावा अनिल कपूर की जोड़ी अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ भी काफी पसंद की
गयी। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1987 में प्रदर्शित फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में पसंद की गयी। इसके
बाद कई फिल्मों में इस जोड़ी को फिल्मकारों ने अपनी फिल्म में काम करने का अवसर दिया। इन
फिल्मों में राम अवतार, लम्हे, रूप की रानी चोरो का राजा, हीर रांझा. गुरूदेव, लाडला, मिस्टर बेचारा
और जुदाई प्रमुख है।


अनिल कपूर को अब तक चार बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन सबके साथ
ही वर्ष 2000 में उन्हें फिल्म ‘पुकार’ के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी
सम्मानित किया गया। अनिल तीन दश्क लंबे सिने कैरियर में करीब 140 फिल्मों में काम कर चुके है।
वर्ष 2013 में अनिल कपूर ने सीरियल ‘24’ के जरिये छोटे पर्दे का भी रूख किया है। इसके बाद अनिल
कपूर की वेलकम बैक, दिल धड़कने दो जैसी कामयाब फिल्में प्रदर्शित हुयी है। अनिल कपूर की इस वर्ष
फिल्म ‘एनिमल’ प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म में अनिल कपूर ने रणबीर कपूर के पिता को रोल निभाया था
और अपने अभिनय से एक बार फिर से सभी का दिल जीत लिया। अनिल कपूर की आने वाली फिल्मों
में फाइटर प्रमुख है।

Related posts

Leave a Comment