Health
जब हम जवान होते हैं, तब शरीर हमें असीम ताकत वाला लगता है। भागदौड़, वर्कआउट, खेलकूद और कभी-कभी जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास – ये सब हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन जाते हैं। लेकिन इसी दौरान की गई कुछ छोटी लापरवाहियां हमारे घुटनों के लिए लंबे समय तक दर्द और परेशानी का कारण बन सकती हैं।
घुटने सिर्फ एक जोड़ नहीं हैं, ये हमारे शरीर की नींव हैं। इन पर पूरा शरीर टिका होता है। इसलिए इन्हें मजबूत और स्वस्थ बनाए रखना बेहद जरूरी है।
घुटनों को नुकसान पहुंचाने वाली आम गलतियां:
गलत तरीके से कसरत करना:बिना ट्रेनर के भारी वेट उठाना या स्क्वाट्स जैसी एक्सरसाइज गलत मुद्रा में करना घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
घंटों एक ही पोजिशन में बैठे रहना:लंबे समय तक कंप्यूटर पर बैठे रहना या जमीन पर पैरों को मोड़कर बैठे रहना, घुटनों की मूवमेंट कम कर देता है और जॉइंट स्टिफनेस बढ़ाता है।
डाइट में कैल्शियम और विटामिन D की कमी:हड्डियों और जोड़ों की मजबूती के लिए ये दो पोषक तत्व बेहद जरूरी हैं। इनकी कमी से समय से पहले घुटनों में दर्द शुरू हो सकता है।
अधिक वजन:शरीर का ज्यादा वजन सीधा घुटनों पर दबाव बनाता है। मोटापा, घुटनों के घिसने (Osteoarthritis) का सबसे बड़ा कारण है।
चोट को नजरअंदाज करना:खेलते वक्त या चलते समय अगर घुटनों में हल्की चोट भी आए और उसे नजरअंदाज किया जाए, तो आगे चलकर वह बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।
कैसे रखें घुटनों का ध्यान?संतुलित व्यायाम करें:योग, स्ट्रेचिंग, साइकलिंग और तैराकी जैसे हल्के और जॉइंट-फ्रेंडली व्यायाम अपनाएं।
सही बैठने का तरीका अपनाएं:लंबे समय तक घुटनों को मोड़कर न बैठें। जमीन से उठते समय धीरे-धीरे उठें और शरीर पर झटका न आने दें।
संतुलित आहार लें:दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, अंडा – ये सभी कैल्शियम और विटामिन D के अच्छे स्रोत हैं।
वजन नियंत्रित रखें:मोटापा कम करना घुटनों का सबसे बड़ा उपकार है। इससे घुटनों पर दबाव कम होता है और उनकी उम्र बढ़ती है।
डॉक्टर की सलाह लें:घरेलू नुस्खों या दर्द निवारक दवाओं पर निर्भर न रहें। किसी भी तरह की सूजन, दर्द या असहजता महसूस होने पर तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।
याद रखें-
जवानी की ऊर्जा में की गई लापरवाही, बुढ़ापे में घुटनों की तकलीफ का कारण बन सकती है। यह जरूरी नहीं कि जब तक दर्द न हो तब तक कुछ न किया जाए। बल्कि, पहले से ही सही आदतें अपनाकर घुटनों को लंबे समय तक मजबूत रखा जा सकता है।याद रखें, घुटनों की देखभाल एक दिन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि रोजमर्रा की आदत होनी चाहिए।
क्योंकि अगर घुटने जवाब दे जाएं, तो जीवन की गति रुक जाती है। इसलिए आज से ही अपने घुटनों को वह सम्मान दें, जिसके वे हकदार हैं।
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