UP बोर्ड: नए सत्र के पहले दिन होंगी छात्रों के हाथों में किताबें

UP बोर्ड के कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को नए सत्र में किताबोंके लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। छात्रों को किताबें नए सत्र में समय से मिले, इसके लिए बोर्ड ने
तैयारी शुरू कर दी हैं। विभाग ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी से किताबों काकॉपीराइट मांगने के लिए शासन से अनुमति मांगी है। ताकि अगले सत्र में किताबों की जरूरत कोपूरा करने पर अभी से काम किया जा सके।विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में किताबें नहीं बिकने से नुकसान के कारणरॉयल्टी और जीएसटी देने में असमर्थता जताते हुए प्रकाशकों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी।


मामला अब तक हाईकोर्ट में लंबित है। वर्ष 2021 की रॉयल्टी और जीएसटी नहीं मिलने परएनसीईआरटी ने इस साल किताबों के प्रकाशन का अधिकार देने से इन्कार कर दिया था। किताबेंनहीं छपने के कारण बोर्ड की भी काफी किरकिरी हुई थी। ऐसे में नए सत्र के लिए अभी से तैयारियांतेज हो गई हैं। विभाग नए सत्र के लिए किताबों के प्रकाशन से संबंधित प्रक्रिया शुरू कर दिया हैऔर शासन को पत्र भेजकर एनसीईआरटी से किताबों की कॉपीराइट मांगी हैं। ताकि किताबों का
प्रकाशन समय ये कराया जा सके। अधिकारियों का दावा है कि नए सत्र में पहले ही दिन से छात्रों केहाथों में किताबें होंगी।


एक अप्रैल से सत्र, जुलाई में पहुंचती हैं किताबेंपिछले कई सालों से UP बोर्ड की एनसीईआरटी आधारित सस्ती किताबों के लिए टेंडर की प्रक्रियाफरवरी-मार्च में शुरू होती थी और किताबें जुलाई में बाजार तक पहुंचती थीं। तब तक छात्र निजीप्रकाशकों की किताबें खरीद चुके होते थे। क्योंकि शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से ही शुरू हो जाता है।

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