आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र परसंज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने दिल्ली हाईकोर्ट में
चुनौती दी है। इस मामले में केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर बाहर हैं।Arvind Kejriwal निचली अदालत के आदेश को रद्द करने और कार्यवाही रोकने के लिए हाईकोर्ट से निर्देशमांग रहे हैं। याचिका पर कल सुनवाई होने की उम्मीद है।याचिका में तर्क दिया गया कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने आदेश में पीएमएलए की धारा 3 केतहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की, जो पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय है।
Arvind Kejriwal
याचिकाकर्ता के अभियोजन के लिए सीआरपीसी की धारा 197 (1) के तहत पहले मंजूरी नहीं ली गईथी। अपराध के समय अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे। 12 नवंबर को हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) से आप नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिका के संबंध में जवाब मांगा, जिसमें कथितआबकारी घोटाले से संबंधित एजेंसी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में उन्हें जारी किए गए समनको चुनौती दी गई थी।अरविंद केजरीवाल फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जुड़े दोनोंमामलों में जमानत पर बाहर हैं। यह मामले दिल्ली की आबकारी नीति (2021-22) से संबंधित हैं,जो अब खत्म हो चुकी है।
ईडी ने क्या आरोप लगाएप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, आबकारी नीति को जानबूझकर आप नेताओं को लाभ पहुंचानेऔर कार्टेल गठन को बढ़ावा देने के लिए खामियों के साथ तैयार किया गया था। ईडी ने आप नेताओंपर छूट, लाइसेंस शुल्क माफी और कोविड-19 व्यवधानों के दौरान राहत सहित तरजीही उपचार के
बदले शराब कारोबारियों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया।
ईडी ने आगे आरोप लगाया कि “घोटाले” में 6 फीसद रिश्वत के बदले में निजी संस्थाओं को 12प्रतिशत मार्जिन के साथ थोक शराब वितरण अधिकार दिए गए थे। इसके अतिरिक्त, आप नेताओंपर 2022 की शुरुआत में पंजाब और गोवा में चुनावों के नतीजों को प्रभावित करने का आरोपलगाया गया था।
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