पैसे का लालच देकर लोगों से आधार कार्ड और पैन कार्ड लेकर बैंक में
खाता खुलवाने और उसे साइबर ठगों को उपलब्ध कराने के मामले में नोएडा पुलिस ने दो लोगों को
गिरफ्तार किया है.
दोनों ने सेक्टर-22 स्थित साउथ इंडियन बैंक के सहायक प्रबंधक राहुल शर्मा को खाते
उपलब्ध कराए थे. राहुल ने साउथ इंडियन बैंक में 28.07 करोड़ की धोखाधड़ी की थी. बीते दिनों क्राइम
ब्रांच ने धोखाधड़ी की चार करोड़ रुपये फ्रीज कराई थी, वह इन्हीं दोनों द्वारा उपलब्ध कराए गए खाते में
ट्रांसफर की गई थी.
एडीसीपी नोएडा मनीष मिश्रा ने बताया कि द्वारका निवासी शैलेंद्र गौड लोगों को कुछ पैसे का लालच
देकर उनके दस्तावेज का इस्तेमाल कर बैंक में खाते खुलवाता है और इन खातों को वह साइबर ठगों को
उपलब्ध कराता है. सेक्टर-22 स्थित निजी बैंक के अधिकारी द्वारा धोखाधड़ी की रकम जिस खाते में
ट्रांसफर हुई थे, उसे शैलेंद्र ने ही खुलवाया था.
वहीं, जीएसटी में वकील का काम करने वाला संबंधित खाता बागपत निवासी देवराज सिंह का था. दोनों
को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके पास से 1 लाख 22 हजार 500 रुपये नगद, तीन कंप्यूटर सीपीयू,
दो लैपटॉप, चार मोबाइल, 75 डिजिटल सिग्नेचर पेन ड्राइव, 12 कटे बिल, 23 मुहर व एक स्कॉर्पियों
बरामद हुई है. इन लोगों ने किन-किन लोगों को खाते बेचे, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है.
एडीसीपी ने बताया कि आरोपी नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद के बैंकों में लोगों को बहला-फुसलाकर
खाते खुलवाते थे, और उसे ठगों को दे देते थे. जो रकम मिलती थी उसका छोटा सा हिस्सा मूल खाता
धारक को दिया जाता था.
मोटा कमीशन आरोपी खुद लेते थे. कुछ समय पहले सेक्टर-22 स्थित साउथ
इंडियन बैंक में हुई धोखाधड़ी मामले में राहुल शर्मा ने 28.07 करोड़ रुपये पत्नी भूमिका शर्मा और मां
सीमा सहित अन्य के खातों में ट्रांसफर की थी. जिसके बाद से वो फरार है.