मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के एक गांव में निमोनिया से पीड़ित डेढ़
महीने के एक बच्चे को बीमारी का इलाज करने के लिए एक स्थानीय नर्स द्वारा गर्म लोहे की छड़ से
40 से अधिक बार दागने का मामला सामने आया है।
अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि लड़का अब शहडोल के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में
उपचाराधीन है, मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हरदी गांव के रहने वाले बच्चे के परिवार ने एक ‘दाई’ (गांव की नर्स) से संपर्क किया
था, जिसने चार नवंबर को निमोनिया के इलाज के लिए कथित तौर पर बच्चे के शरीर को गर्म लोहे की
छड़ से 40 से अधिक बार दागा था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आरएस पांडे ने कहा कि बच्चे की दादी ने
अपने घर पर एक ‘दाई’ से गर्म लोहे का उपचार करवाया।
उन्होंने बताया कि बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे इलाज के
लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है।
मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. निशांत प्रभाकर ने कहा कि बच्चे को जन्म के समय
और फिर निमोनिया से पीड़ित होने पर गर्म लोहे की छड़ से दागा गया था।
उन्होंने कहा कि बच्चे की गर्दन, पेट, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों पर दागने के 40 से अधिक
निशान पाए गए हैं।
प्रभाकर ने कहा, सरकारी अस्पताल में इलाज के बाद लड़के हालत अब ठीक है।
जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों की बीमारियों के इलाज के लिए उन्हें लोहे की छड़ों से दागना
एक आम बात है।