उत्तर प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। गोरखपुर में
रविवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 7:25 पर भूकंप के झटके महसूस हुए।
इस दौरान घरों में मौजूद लोग बाहर निकल आए।
जानकारी के अनुसार, नेपाल के भरतपुर में सुबह 7.25 पर भूकंप आया। भूकंप की तीव्रता 5.2 मापी
गई। इसके बाद भूकंप के झटके गोरखपुर में भी महसूस किए गए।
जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि इससे जानमाल के नुकसान की
कोई सूचना नहीं है।
ज्ञातव्य हो कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं। जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती
हैंए वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार.बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव
बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के
बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है।
इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों.ज्यों दूर होती जाती हैं। इसका
प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है
तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है
कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र
प्रभावित होगा।
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल
पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा
जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती हैए उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता
है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।