Delhi विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमीपार्टी (आप) सरकार पर यमुना नदी की सफाई के उसके दस सालों के पुराने वादों को पूरा करने में
पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार से मिली खासी रकम और यमुना सफाईपरियोजनाओं पर 2013 से लेकर 2024 तक 11 सालों में करोड़ो रुपये खर्च करने के बावजूदकेजरीवाल सरकार के कार्यकाल में यमुना की स्थिति बद से बदतर हो गई है।गुप्ता ने Delhi प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा किनवंबर में यमुना में फीकल कॉलिफॉर्म (मलमूत्र से होने वाला प्रदूषण) का लेवल चौंकाने वाले है।
जोदिसंबर 2020 के बाद सबसे ज्यादा है। गुप्ता ने कहा कि ये जानकारी केजरीवाल और उनकी सरकारकी विफलता की कहानी बयां करते हैं। जिन्होंने बार-बार यमुना को स्वच्छ और पुनर्जीवित करने केझूठे वादे दिल्ली की जनता के साथ हर साल किए हैं।गुप्ता ने बताया कि 2013 से 2024 के बीच यमुना सफाई परियोजनाओं के लिए करोड़ो रुपये खर्चकिए जाने के बावजूद, यह नदी देश की सबसे प्रदूषित नदियों में बनी हुई है। केंद्र सरकार ने लगातारदिल्ली को पर्याप्त फंड और संसाधन मुहैया कराए, लेकिन ‘आप’ सरकार यमुना में गंदे पानी औरप्रदूषण को रोकने में पूरी तरह विफल रही है।
Delhi
अरविंद केजरीवाल पिछले दस सालों में यमुना कोस्वच्छ बनाने के लंबे-चौड़े दावे करते रहे, लेकिन आज यमुना पहले से इतनी ज्यादा प्रदूषित हो गईहै कि इसमें डुबकी लगाना तो दूर इसके पानी को छूने से भी डर लगने लगा है। यह नदी केजरीवालसरकार की विफलता का प्रतीक बन चुकी है।गुप्ता ने Delhi सरकार के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता पर भी सवाल उठाए। उन्होंनेकहा कि सरकार कॉलोनियों के सीवरों से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिये पर्याप्तसीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाने में नाकाम रही है और यही कारण है कि यमुना आज इतनी प्रदूषित होगई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगा भी रखे हैं उनकी क्षमता इतनीकम है कि वे सीवरों के पानी को ट्रीट करने में नाकाम हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले महीने उन्होंने यमुना में गिर रहे सीवरों के पानी का जायजा लेने के लियेदिल्ली के गांधीनगर, शास्त्री पार्क, आईटीओ क्रॉसिंग और चिल्ला के उन ‘सीवर आऊट फाल्स’ कादौरा किया था जहां से ये प्रदूषित पानी सीधा यमुना में जा रहा है। निरीक्षण में उन्होंने पाया था किइन सभी क्षेत्रों में कॉलोनियों के सीवरों का गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट किये ही सीधा यमुना नदी में जारहा है। कुछ जगह पर दिल्ली सरकार ने जो एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगा रखे हैं उनकी
क्षमता इतनी कम है कि वह सीवर का सारा गंदा पानी ट्रीटमेंट ही नहीं कर पा रहे हैं। जैसे चिल्ला मेंसीवर के पानी को ट्रीट करने के लिए केवल 9 एमजीडी की क्षमता वाला प्लांट लगाया हुआ है जबकिवहां से सीवर का 101 एमजीडी पानी सीधा यमुना में जा रहा है।
कॉलोनियों के गंदे सीवर का पानीसीधा यमुना में जा रहा है जिससे यमुना प्रदूषित हो रही है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार की निष्क्रियता और कुप्रबंधन ने यमुना को बर्बादी केकगार पर पहुंचा दिया है। करोड़ों रुपये बर्बाद हो चुके हैं और दिल्ली के आम नागरिक बढ़ते प्रदूषणऔर बिगड़ते पर्यावरण का खामियाजा भुगतने को विवश हैं। केजरीवाल ने आरोप प्रत्यारोप कीराजनीति में दस साल का कीमती वक्त जाया कर दिया।
उन्होंने कहा कि लेकिन अब जनता इनकेझूठे वादों और गुमराह करने वाली राजनीति से आजिज आ चुकी है और फरवरी के विधानसभाचुनावों में इन्हें धूल चटाने को तैयार बैठी है।
http://UP चार साल की बच्ची से पड़ोसी ने किया दुष्कर्म,गिरफ्तार
youTube:-@udhyognirman
Facebook:-@udhyognirma