अदालत ने Amul Ice Cream के डिब्बे में कनखजूरा निकलने संबंधी पोस्ट हटाने के निर्देश दिए

दिल्ली उच्च न्यायालय ने नोएडा की एक महिला को Amul Ice Creamके डिब्बे में कनखजूरा मिलने के आरोप वाला अपना पोस्ट हटाने के निर्देश दिए हैं।न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा ने अमूल ब्रांड के तहत उत्पादों का विपणन करने वाले गुजरात
सहकारी दुग्ध विपणन संघ की ओर से दायर वाद पर सुनवाई करते हुए ग्राहक पर अगले आदेश तकसोशल मीडिया मंच पर इस तरह की सामग्री पोस्ट करने और अपलोड करने पर रोक लगाई है।


दरअसल सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर 15 जून को दीपा देवी ने एक तस्वीर साझा की थी जिसमेंकथित तौर पर Amul Ice Creamके डिब्बे के अंदर एक कनखजूरा दिखाई दे रहा है। महिला नेयह आइसक्रीम एक ऐप के माध्यम से मंगवाई थी।
वाद दाखिल करने वाली कंपनी ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि यह दावा झूठा और गलत हैक्योंकि उसके कारखाने में पैक किए गए आइसक्रीम के डिब्बे में कोई भी बाहरी सामान चाहे वहकीड़ा ही क्यों न हो, मौजूद होना बिल्कुल असंभव है।

नोएडा की एक महिला को Amul Ice Creamके डिब्बे में कनखजूरा मिलने के आरोप वाला अपना पोस्ट हटाने के निर्देश दिए हैं।


अदालत ने यह आदेश चार जुलाई को पारित किया। इसमें कहा गया कि ग्राहक वर्तमान कार्यवाही मेंआज भी मौजूद नहीं है और उसके असहयोग वाले रवैए ने कंपनी के मामले को बल दिया है।आदेश में कहा गया कि ग्राहक को अदालती कार्यवाही में भाग लेने और अपने सोशल मीडिया पोस्टमें किए गए दावे को सही साबित करने का अवसर दिया गया था लेकिन उन्होंने ‘उपस्थित नहीं होनेको तरजीह दी’ और जांच के लिए Amul Ice Cream का डिब्बा भी कंपनी को नहीं दिया।


अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि प्रतिवादी तीन दिन में सोशल मीडिया पोस्ट नहीं हटाता तो कंपनी‘एक्स’ को अपने मंच से इसे हटाने के लिए कह सकती है।वाद दाखिल करने वाली कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील दलाल और वकील अभिषेकसिंह ने अपनी दलील में कहा कि कंपनी मामले की जांच के लिए तैयार थी और उसने 15 जून कोग्राहक से संपर्क भी किया था लेकिन उन्होंने अधिकारियों को आइसक्रीम का डिब्बा उपलब्ध कराने सेइनकार कर दिया था।

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