अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर की स्थापना भारतीय संस्कृति की पुनः स्थापना का दिवस


हरियाणा के पहले राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में गत दिवस महर्षि वाल्मीकि अनुसंधान परिषद तथा श्री माता मनसा देवी राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अयोध्या में 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पवन दिवस के उपलक्ष में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक रहा “श्री रामजन्मभूमि आंदोलन- भूत वर्तमान एवं भविष्य “ । इस एक दिवसीय संगोष्ठी में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास के साथ-साथ इसके वर्तमान तथा भविष्य के परिपेक्ष में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए तथा खुलकर चर्चा भी की।


महर्षि वाल्मीकि अनुसंधान परिषद के निदेशक राघव संजीव घारू ने जानकारी देते हुए बताया कि परिषद श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास पर शोधकर्ताओं तथा प्राध्यापक को के शोध पत्र आमंत्रित कर रहा है जिसे संकलित करके जल्द ही एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा और श्री राम जन्मभूमि आंदोलन पर उनके परिषद द्वारा यह पहला कार्यक्रम था जो राजकीय संस्कृत महाविद्यालय की सम्मानित प्राचार्या रीटा गुप्ता तथा उनके स्टाफ के सहयोग से संपन्न हुआ और भविष्य में इसी श्रृंखला में आने को कार्यक्रम अन्य संस्थाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर किए जाएंगे।


संस्कृत महाविद्यालय की प्राचार्य रीटा गुप्ता ने संगोष्ठी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर नीरज अत्री के अलावा डॉक्टर आशुतोष अंगीरस तथा हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ अंजू मनोचा ने संबोधित किया वही कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और हरियाणा बाल विकास परिषद की मानद सचिव रंजीता मेहता ने कार्यक्रम को संबोधित किया।


संगोष्ठी में विभिन्न महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के मध्य स्लोगन राइटिंग तथा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता करवाई गई और जिसमें से दोनों प्रतियोगिताओं के प्रथम तीन विजेताओं को पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा माता शबरी की श्री राम के प्रति भक्ति को एक झांकी के रूप में प्रस्तुत किया गया।


इस संगोष्ठी में विशेष रूप से विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्य तथा प्राचार्यों द्वारा भाग लिया गया तथा अनेक सामाजिक कार्यकर्ता तथा गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। संगोष्ठी का विशेष आकर्षण अभी मेहता तथा पिंजौर निवासी पृथ्वी रहे । दोनों ही अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर के कारसेवक रह चुके हैं ।


इस अवसर पर शारदा , सचिव श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, रजनी भल्ला, खुशीला, भूपेंद्र कौर, सहायक प्राध्यापक डॉ रणदीप और डॉ रेनू ऋषि ने प्रतियोगिता के निर्णायक कमेटी की भूमिका निभाई वही संस्कृत महाविद्यालय के डॉक्टर रेणुका ध्यानी समन्वयक के रूप में तथा डॉक्टर राजवीर ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर अधिवक्ता नेहा जोली, डॉ राजीव कपिला, अनुराधा वर्मा, विनोद बिंदल, प्रमोद राणा, गौरव गुप्ता, सुशील अटवाल, जसवंत राय शास्त्री, गोविंद चौहान, नरेश कुमार, राहुल बिडलान आदि उपस्थित रहे।

Related posts

Leave a Comment