digital arrest
गाजियाबाद, । साइबर अपराधियों ने वैशाली के युवक को मनी लांड्रिंग के मामलेमें 22 digital arrest करके 11.70 लाख रुपये वसूल लिए। ठगों ने मुंबई पुलिस की आईपीएसअधिकारी बनकर उनपर मनी लांड्रिंग में बैंक खाते का इस्तेमाल होने का आरोप लगाया और एकसाल तक जेल में रहने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया। पीड़ित के मुताबिक आरोपियों ने एआई
तकनीक से डीपफैक वीडियो बनाकर उसके साथ ठगी की।
शक होने पर पीड़ित ने कॉल काट दी औरसाइबर थाने में केस दर्ज कराया।वैशाली की गौर हाइट्स सोसाइटी में रहने वाले रोहन दास का कहना है कि तीन जून को 1.15 बजेउनके पास अनजान नंबर से कॉल आई। यह एक मानव ऑपरेटेड कॉल थी, जिसमें कहा गया कि यहकॉल ट्राई से है। आगे कहा कि उनके मोबाइल नंबर दो घंटे में बंद हो जाएंगे। इसके बाद उन्हें एकऑपरेटर से कनेक्ट किया गया।
इस कॉल को एक महिला ने उठाया। उसने कहा कि उनके मोबाइलनंबर से उत्पीड़न और अवैध विज्ञापन की शिकायत आई थी, जिसके चलते उनके खिलाफ एफआईआरदर्ज की गई है। इसके बाद महिला ने कहा कि वह उनकी कॉल मुंबई पुलिस के अधिकारी के पासट्रांसफर कर रही है। वह उन्हें बता दें कि कोई उनकी पहचान का दुरुपयोग कर रहा है। रोहन दास का
कहना है कि कॉल ट्रांसफर होने पर एक महिला ने बात की।
22 घंटे digital arrest कर वसूले साढ़े ग्यारह लाख
उसने अपना परिचय मुंबई पुलिस कीआईपीएस अधिकारी अंजलि अरोड़ा के रूप में दिया। उसने मदद करने का आश्वासन देकर उन्हेंस्काइप कॉल पर जुड़ने के लिए कहा।मनी लांड्रिंग में बैंक खाता इस्तेमाल होने का आरोप लगायारोहन दास का कहना है कि 1.43 बजे उनके पास स्काइप पर वीडियो कॉल आई, जिसमें सामने एकवर्दीधारी दिख रहा था। उनके आसपास कोई तीसरा व्यक्ति तो नहीं है,
इसके लिए उसने चारों तरफकैमरा घुमाने को कहा। इसके बाद 1.47 बजे एक महिला अधिकारी ने वीडियो कॉल की। इस दौरानएक व्यक्ति ने वॉकी-टॉकी पर महिला अधिकारी से कहा कि नरेश गोयल मनी लांड्रिंग मामले मेंरोहन दास वांछित है। उसे देखते ही गिरफ्तार किया जाना चाहिए। रोहन दास के मुताबिक उन्हेंबताया गया कि उनके नाम से खुले बैंक खाते का एटीएम कार्ड नरेश गोयल के घर पर पाया गया हैऔर नरेश गोयल दो करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोपी है। साथ ही कहा कि उन जैसे करीब 200संदिग्ध हैं, लिहाजा इस मामले की जांच में एक साल लगेगा और तब तक उन्हें जेल में रहना होगा।
महिला अधिकारी ने जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट है और राष्ट्रीय गोपनीयता कामामला है। अगर किसी को बताया तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।जांच के बाद लौटाने की बात कह 11.70 लाख ट्रांसफर कराएरोहन दास के मुताबिक उन्होंने खुद को निर्दोष बताया तो महिला अधिकारी ने कहा कि वह उन्हेंऑनलाइन जांच की सुविधा दे सकती है, जो कि वृद्ध या गर्भवती महिलाओं को ही दी जा सकती है।
इसके बाद महिला अधिकारी ने अपने एक सीनियर से बात की। पुलिस की वर्दी में बैठे सीनियर नेकहा कि ऑनलाइन जांच के लिए जज से बात करनी पड़ेगी। उसने वॉकी टॉकी पर बात की और कहाकि जज से ऑनलाइन जांच की अनुमति ले ली है। वर्दीधारी ने कहा कि जांच के लिए उन्हें अपनेखाते में मौजूद रकम ट्रांसफर करनी पड़ेगी, जो जांच पूरी होने पर वापस कर दी जाएगी।
पीड़ित केमुताबिक 3.40 बजे उन्होंने 11.70 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।22 घंटे तक digital arrest रखारोहन दास का कहना है कि आरोपियों ने कहा कि उनकी जांच अगले दिन सुबह साढ़े नौ बजे तकचलेगी। डिजिटल अरेस्ट करके आरोपियों ने उन्हें रात भर कैमरे के सामने रखा। चार जून की सुबह9.45 बजे वर्दीधारी फिर से वीडियो कॉल पर आया और उनसे उनके स्टॉत बेचने और उसके पैसेट्रांसफर करने को कहा।
वर्दीधारी ने उनसे हा कि उन्हें तीन लाख रुपये जुर्माना देना होगा। उन्होंनेइंटरनेट पर सर्च किया तो इस तरह के फर्जीवाडेर की खबरें सामने आईं। शक होने पर उन्होंने 10.57बजे कॉल काट दी।एआई के जरिये डीपफेक वीडियो बनाकर ठगी कीरोहन दास का कहना है कि वीडियो कॉल में स्क्रीन पर बोल रहे पुलिस अधिकारी और उनके चेहरे केहावभाव मेल नहीं खा रहे थे। इससे अंदेशा है
कि जालसाजों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरियेडीपफेक वीडियो बनाकर उनके साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया। घटना के संबंध में पीड़ित नेसाइबर थाने में शिकायत दी। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद का कहना है कि digital arrest कर रकमवसूली गई है। शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर आरोपियों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहाहै।
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