बदायूं के जिला महिला अस्पताल में कथित तौर पर रुपये न देने पर एक
गर्भवती महिला को धक्के देकर बाहर निकाले जाने और अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म देने का
मामला सामने आया है।
बताया जा रहा है कि अत्यधिक ठंड होने व उपचार न मिलने के कारण बच्चे की मौके पर ही मौत हो
गयी। जिलाधिकारी ने इस मामले में जांच के आदेश दिये हैं।
बदायूं के जिलाधिकारी (डीएम) मनोज कुमार ने रविवार को बताया कि ”मामला बेहद गंभीर है। अस्पताल
कर्मियों द्वारा महिला का उपचार न करके उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया है। इस मामले में नगर
मजिस्ट्रेट को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि नगर मजिस्ट्रेट तीन दिन में जांच करके रिपोर्ट सौंपेंगे, उसके बाद दोषी डॉक्टर व
मेडिकल स्टाफ के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की लापरवाही किसी भी हाल में
बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
परिजनों की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार बदायूं शहर के मोहल्ला कबूल पुरा निवासी रवि
शनिवार की शाम अपनी पत्नी नीलम को प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचा।
रवि ने आरोप लगाया कि जिला महिला अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध नहीं थी, कर्मचारियों ने उसकी
पत्नी नीलम को भर्ती करने को मना कर दिया, जिस पर उसने अपने परिजनों को बुला लिया। हंगामा
करने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने जांच करने के नाम पर पांच हजार रुपये मांगे।
रवि ने बताया कि रुपये देने में असमर्थता जताने पर जिला महिला अस्पताल के कर्मचरियों ने धक्के
देकर प्रसूता नीलम और परिजनों को बाहर निकाल दिया।
रवि ने बताया कि वे लोग नीलम को लेकर अस्पताल गेट पर आ गए, जहां अत्यधिक पीड़ा होने के बाद
नीलम ने अस्पताल गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया।रवि ने कहा कि अत्यधिक ठंड एवं उपचार न मिलने के कारण बच्चे की अस्पताल के गेट पर ही मौत
हो गई।
मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने तत्काल अस्पताल के कर्मचारियों को फटकार लगाई
और महिला को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए।