चीन सीमा पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पासलद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में Army अभ्यास करके लौट रहे पांच soldiers की शुक्रवार रातकरीब 1 बजे श्योक नदी पार करते समय मौत हो गई। लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में श्योकनदी का जलस्तर बढ़ने से टी-72 टैंक फंस गया औरArmy के 5 soldiers बह गए।
शनिवार को सभी soldiers के शव बरामद कर लिए गए। इनमें एक जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर (जेसीओ) भी हैं। रक्षा
मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीयArmy के पांच बहादुर soldiers की जान जाने पर शोक व्यक्त किया है।दरअसल, सेना के जवान सैन्य अभ्यास के बाद शुक्रवार देर रात करीब एक बजे टैंक टी-72 टैंक सेलौट रहे थे। टैंक पर रिसालदार एमआर के रेड्डी, दफादार भूपेंद्र नेगी, लांस दफादार अकदुम तैयबम,हवलदार ए खान और नागराज पी सवार थे।
यह मिलिट्री टैंक पूर्वी लद्दाख के सासेर ब्रांगसा मेंश्योक नदी पार कर रहा था, तभी पानी का लेवल अचानक बढ़ गया और सभी जवान टैंक सहितनदी में डूबने लगे।लेह की फायर एंड फ्यूरी 14 कॉर्प्स के मुताबिक यह हादसा एलएसी के चुशूल से 148 किलोमीटर दूरमंदिर मोड़ के पास हुआ। अचानक जलस्तर बढ़ने से जेसीओ और चारों soldiers लापता हो गए।शनिवार को जानकारी मिलने पर रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
नदी में तेज बहाव और जलस्तर के कारण soldiersको बचाया नहीं जा सका। पांचों जवानों के शवबरामद कर लिए गए हैं, जिनकी पहचान रिसालदार एमआर के रेड्डी, दफादार भूपेंद्र नेगी, लांसदफादार अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान और नागराज पी के रूप में हुई है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि `लद्दाख में नदी पार करते
समय हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में भारतीय सेना के पांच बहादुर जवानों की जान जाने से मैं बहुत दुखीहूं।
हम देश के लिए अपने वीर जवानों की अनुकरणीय सेवा को कभी नहीं भूलेंगे। शोक संतप्तपरिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।’ कांग्रेसनेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शोक व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि लद्दाख में टैंक केनदी पार करने के सैन्य अभ्यास के दौरान हुए हादसे में भारतीय सेना के पांच जवानों की शहादतका समाचार दुखद है। दुख की इस घड़ी में हम सभी शहीद जवानों के परिजनों के साथ खड़े हैं।भारतीय सेना के लिए क्यों अजेय है टी-72आमतौर पर टी-72 टैंक पर कमांडर, एक गनर और एक ड्राइवर होता है। इस टैंक का वजन 45 टन
के करीब है, जो 780 हॉर्सपावर जनरेट करता है।
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इसे न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल हमलोंसे बचने के लिए बनाया गया है। टैंक पर 12.7 एमएम एंटी एयरक्राफ्ट मशीन गन लगी हुई है,जिससे एक बार में एक साथ 300 राउंड फायर होते हैं। इस टैंक का वजन 45 टन के करीब है, जो
780 हॉर्स पावर जनरेट करता है। इसमें फुल एक्सप्लोसिव रिऐक्टिव आर्मर भी होता है।
हालांकि, हादसे के वक्त इस पर 5 soldiers सवार थे। यह टैंक 5 मीटर (16.4 फीट) गहरी नदियों कोपार करने की क्षमता रखता है। यह एक छोटे डायमीटर वाले स्नोर्कल की मदद से नदी पार करता है।पानी के अंदर टैंक का इंजन बंद होने पर इसे 6 सेकेंड के भीतर चालू करना जरूरी होता है। ऐसानहीं करने पर कम दबाव होने के कारण इंजन में पानी भर जाता है। इमरजेंसी के लिए इस परसवार क्रू के सभी सदस्यों को रिब्रीदर दिया जाता है।
यह पानी के नीचे एक प्रकार का स्व-निहितश्वास तंत्र है, जिनमें प्राथमिक और आपातकालीन गैस आपूर्ति दोनों के प्रावधान हैं।
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