छह बार की रुकावटों के बाद कल अंतरिक्ष में उड़ान भरने को तैयार शुभांशु Shubhanshu शुक्ला का एक्सिओम मिशन: भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण
ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत एक बार फिर अपना परचम लहराने को तैयार है। इसी कड़ी में भारतीय अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu शुभांशु शुक्ला का बहुप्रतीक्षित एक्सिओम-4 मिशन Missionकल यानी 25 जून को अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार है।छह बार तकनीकी खामियों के कारण आई रुकावटों के बाद यह मिशन अब अपनी अंतिम लॉन्चिंग के लिए तैयार है, जो पूरे भारतवासियों के लिए अत्यंत गर्व और ऐतिहासिक पल होगा।

कल अंतरिक्ष की ओर रवाना होंगे शुभांशु शुक्ला
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के एक अनुभवी परीक्षण पायलट, शुभांशु शुक्ला, कल भारतीय अंतरिक्ष मिशन पर रवाना होंगे।
पिछले कई प्रयासों में तकनीकी दिक्कतों के कारण उनके ट्रायल में बाधाएं आईं थीं, लेकिन अब उन सभी कमियों को दूर कर लिया गया है। यह उड़ान न केवल शुभांशु के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, बल्कि भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं का भी प्रमाण है। यह पूरे देश के लिए एक बेहद अहम और गौरवान्वित करने वाला क्षण होगा।
इस मिशन Mission के तहत 9 रॉकेट का उपयोग किया गया है जो अंतरिक्ष में अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। शुभांशु शुक्ला और उनके साथ के अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहकर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे। यह भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर और मजबूत करेगा।
जानिए कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला Shubhanshu shukla भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन हैं और एक्सिओम-4 मिशन Mission के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। वह भारतीय वायु सेना के एक कुशल परीक्षण पायलट और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) द्वारा चुने गए अंतरिक्ष यात्री भी हैं।
उन्हें उन चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में चुना गया है जो भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगे। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव इस मिशन के लिए अमूल्य हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मामले में भारत ने वास्तव में एक नया इतिहास रच दिया है। शुभांशु शुक्ला Shubhanshu Shukla, जो इन दिनों काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं, अंतरिक्ष में जाकर वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान का विस्तार करना और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करना है। यह मिशन न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है।
14 दिन तक चलेगा शुभांशु का यह मिशन
एक्सिओम-4 मिशन Mission 25 जून को लॉन्च होने के बाद 14 दिनों तक चलेगा। इस दौरान, शुभांशु शुक्ला Shubhanshu Shukla और उनके साथ के तीन अन्य सदस्य अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहकर जटिल वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों में सूक्ष्मगुरुत्वाकर्षण के प्रभाव, नई सामग्रियों का परीक्षण, और मानव शरीर पर अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों का अध्ययन शामिल हो सकता है।
यह मिशन भारत के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह 40 साल बाद किसी देश की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान है, जो भारत को चुनिंदा अंतरिक्ष महाशक्तियों की कतार में मजबूती से खड़ा करेगी।
इसके अतिरिक्त, यह मिशन भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अनुभव भारत के अपने ‘गगनयान’ कार्यक्रम की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसका लक्ष्य भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना है।
एक्सिओम-4 मिशन के लॉन्च में पहले भी कई बार देरी हुई है, लेकिन अब सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और इसे 25 जून को लॉन्च करने की पूरी संभावना है।
यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा और आने वाली पीढ़ियों को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
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