कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के बीच पार्टी के बैंक खाते सील करने को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह की आपराघिक कार्रवाई करार देते हुए गुरुवार को कहा
कि इस तरह की कार्रवाई सोची समझी रणनीति का हिस्सा है और इसका मकसद कांग्रेस को आर्थिक रूप
से पंगु बनाना है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, कांग्रेस सांसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, कोषाध्यक्ष अजय माकन
तथा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित विशेष सयुंक्त संवाददाता
सम्मेलन में आज कहा कि उसके खाते सोजी समझी रणनीति के तहत और श्री मोदी तथा श्री शाह की
सह पर सील किए गये हैं ताकि कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि पार्टी के बैंक खाते में 285 करोड़ रुपये जमा हैं लेकिन चुनाव के वक्त उस पैसे का
इस्तेमाल खाते सील होने की वजह से नहीं किया जा सकता है। पार्टी के लिए बैनर, पोस्टर छपवाने तथा
प्रचार का काम करना मुश्किल हो गया है और यह कदम साजिश के तहत उठाया गया है। इससे
लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म किया जा रहा है और जो अवसर एक राजनीतिक दल को लोकतंत्र में
मिलने चाहिए उसे खत्म किया जा रहा है।
श्री खडगे ने कहा, “अठारहवीं लोकसभा के आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है। देश का हरेक नागरिक
इसमें भाग लेने के लिए उत्सुक है। भारत पूरी दुनिया में अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और अर्दर्शों के लिये
जाना जाता रहा है। यह सभी राजनीतिक दल के लिए समान अवसरों को सील करने की कार्रवाई है।
भाजपा ने किस तरीक़े से कंपनियों से ये पैसे लिये हैं। सुप्रीम कोर्ट तथ्यों की जाँच कर रहा है। हमें
उम्मीद है कि सच्चाई बहुत जल्द हम सब के सामने आयेगी। एक ओर साज़िशन मुख्य विपक्षी दल के
खाते सील कर रहे हैं और दूसरी ओर मौजूदा सत्ताधारी दल ने चुनावी बाँड से चुनावी चंदा लेकर अपने
अकाउंट भर लिए हैं। यह सत्ताधारी दल द्वारा समान अवसर को खत्म करने के लिए एक ख़तरनाक खेल
खेला गया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सांविधानिक संस्थाओं से अपील करता हूँ कि अगर वे स्वतंत्र और निष्पक्ष इलेक्शन
चाहते हैं तो हमारी पार्टी को बग़ैर किसी रोक -टोक के बैंक खातों को इस्तेमाल करने दें। जो आयकर का
दावा है वो अंततः कोर्ट के निर्णय के अनुसार सेटल हो जाएगा। राजनीतिक दल टैक्स नहीं देते, भाजपा
ने कभी नहीं दिया, इसके बाद भी अगर हमसे यह माँगा जा रहा है, तो हम न्यायालय के अंतिम निर्णय
का इंतज़ार करेंगे।”
श्रीमती गांधी ने कहा, “आज हम जो मुद्दा उठा रहे हैं वह बहुत ही गंभीर है और न केवल कांग्रेस को
प्रभावित करता है – बल्कि यह हमारे लोकतंत्र को भी सबसे अधिक प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री द्वारा
कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास चल रहा है। जनता से एकत्रित धन को रोका
जा रहा है और हमारे खातों से जबरन पैसा छीना जा रहा है। हालाँकि, इन सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों
में भी, हम अपने चुनाव अभियान की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर
रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “एक तरफ ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ का मुद्दा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है।
जैसा कि सभी जानते हैं, चुनावी बाँड से भाजपा को भारी और बड़े पैमाने पर फायदा हुआ है। दूसरी तरफ
प्रमुख विपक्षी दल, कांग्रेस की वित्तीय स्थिति पर लगातार हमला हो रहा है। यह सचमुच अभूतपूर्व है।”
श्रीमती गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री द्वारा कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास चल
रहा है। जनता से एकत्रित धन को रोका जा रहा है और हमारे खातों से जबरन पैसा छीना जा रहा है।
हालांकि, इन सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी, हम अपने चुनाव अभियान की प्रभावशीलता को बनाए
रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।”
श्री राहुल गांधी ने कहा, “हमारे सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। हम अपना प्रचार कार्य नहीं कर
सकते। हम अपने कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों का समर्थन नहीं कर सकते। हमारे नेता देश के एक
हिस्से से दूसरे हिस्से तक यात्रा नहीं कर सकते। हम अपने विज्ञापन देने में असमर्थ हैं। ऐसा चुनाव
प्रचार से दो महीने पहले किया जा रहा है।कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट फ्रीज नहीं किए गए हैं, ये भारत
का लोकतंत्र फ्रीज किया गया है।”
उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस पार्टी के खिलाफ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई आपराधिक कार्रवाई
है।’ चुनाव से पहले हमें पंगु बनाने के लिए यह साजिश रची जा रही है। देश में ऐसी संस्थाएं हैं जिनसे
लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करने की अपेक्षा की जाती है।
कोई अदालत कुछ नहीं कह रही, चुनाव आयोग
चुप है, कोई संस्था कुछ नहीं कह रही और मीडिया कुछ नहीं कह रहा। आज भारत में कोई लोकतंत्र नहीं
है। भारत के लोगों से उनका संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा छीना जा रहा है।”
श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस के पास चुनाव के लिए पैसा निकालना मुश्किल हो गया है। उसके खाते में
अपने सांसदों तथा अन्य स्रोतों से जमा 285 करोड़ रुपए हैं लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं किया जा
सकता है।
उनका कहना था कि आयकर विभाग ने जो कार्रवाई की है वह पांच साल पहले और 35 साल
पहले से जुड़े मामले को लेकर है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव के समय इस तरह की कार्रवाई करना
किस तरह का लोकतंत्र है। क्या लोकतंत्र में किसी प्रमुख विपक्षी दल को इस तरह से पंगु बनाया जाना
चाहिए।