दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री Manish Sisodia ने सीपीआई (एम)महासचिव Sitaram Yechuryके निधन पर कहा, ‘वो मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत थे’। जब भी उनसेमुलाकात हुई, वह हमेशा गर्मजोशी के साथ मिलते थे। उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी और उनकीजगह कोई नहीं ले सकता।Manish Sisodia ने कहा, उन्हें राष्ट्रीय मुद्दों और उसके समाधानों की गहरी समझ थी। वह ऐसे व्यक्ति थे,जो उन लोगों को एक साथ ला सकते थे, जो इन समाधानों को लागू कर सकते थे। अपने पूरेराजनीतिक जीवन में उन्होंने देश की सेवा की। हमें गर्व है कि वह हमारे देश का हिस्सा थे।
Sitaram Yechury
मैं जबपत्रकार था, वे हमारे प्रेरणा के स्त्रोत थे। गर्मजोशी के साथ मिलते थे। हम उन्हें पूरे जीवन मिसकरेंगे, उनकी जगह कोई नहीं ले सकता।बता दें कि Sitaram Yechuryका गुरुवार को 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 19 अगस्त को नईदिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंनेअंतिम सांस ली।12 अगस्त, 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी परिवार में जन्मे Sitaram Yechury जेएनयू में शिक्षाप्राप्त करने के दौरान छात्र राजनीति से जुड़े। उन्होंने मार्क्सवादी सिद्धांतों को अपनाया और सीपीआई(एम) की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सदस्य बने। उनके नाम तीनबार जेएनयू छात्रसंघ का अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड है।
आपातकाल के दौरान अपनी गिरफ्तारी देने वाले येचुरी बाद में एसएफआई के अखिल भारतीयअध्यक्ष बने। उन्होंने अपने सहयोगी प्रकाश करात के साथ मिलकर जेएनयू को अभेद्य वामपंथी गढ़बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे 32 साल की उम्र में सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति केसदस्य और 40 साल की उम्र में पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य बने।राज्यसभा सदस्य के तौर पर उन्होंने संसद में चर्चाओं और लोकतांत्रिक परंपराओं को समृद्ध बनानेका काम किया। इसकी वजह से उन्होंने राजनीतिक विरोधियों का भी सम्मान अर्जित किया।
गठबंधनकी सरकार के दौर में समावेशी विचारों को अपनाते हुए मार्क्सवाद के सिद्धांतों के प्रति अपनी अटूटप्रतिबद्धता को बरकरार रखा।
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