गाजियाबाद, Municipal councilजन-प्रतिनिधियों और अधिकारी-कर्मचारियों के बीचलड़ाई का अखाड़ा बन गया है। आरोप-प्रत्यारोप से निगम में सियासी पारा उफान पर है। महापौरसुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के बीच तकरार खत्म नहीं हुई है। अबमुख्य अभियंता एनके चौधरी और पार्षद वीरेंद्र त्यागी के बीच का विवाद नया रूप लेने लगा है।स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन ने मुख्य अभियंता के समर्थन में आंदोलन की चेतावनी दे दी। नगरआयुक्त को लिखे पत्र में संगठन ने आरोप लगाया कि स्थानीय निकायों में 60 फीसदी पार्षद अपनेसगे-संबंधियों के नाम से पंजीकरण कराकर खुद ठेकेदारी करते हैं।
Municipal council
विभागाध्यक्षों और कर्मचारियों परदबाव बनाकर अनियमित कार्य कराने का प्रयास करते हैं।दरअसल, 17 अगस्त को नंदग्राम से पार्षद वीरेंद्र त्यागी और मुख्य अभियंता एनके चौधरी के बीचसड़क निर्माण के मुद्दे पर बहस हो गई थी। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों के बीच तीखी नोंकझोक होगई। कर्मचारी संगठन का आरोप है कि पार्षद ने मुख्य अभियंता के कक्ष में जबरन घुसकर उनकेसाथ अभद्र व्यवहार किया। नियमानुसार पार्षदों को नगर आयुक्त और महापौर से संपर्क कर अपनीसमस्याओं से अवगत कराना चाहिए। इस तरह की घटनाओं से अधिकारियों-कर्मचारियों का मनोबलगिरता है।
कर्मचारी संगठन ने पार्षदों का अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालयों में प्रवेश प्रतिबंधित करनेऔर पार्षद वीरेंद्र त्यागी के खिलाफ कार्रवाई की मांग नगर आयुक्त के समक्ष उठाई है। अगर ऐसानहीं किया तो कर्मचारी जिलाधिकारी कार्यालय और Municipal council मुख्यालय पर आंदोलन करेंगे। इसकेबाद स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के प्रांतीय उपमहामंत्री चौब सिंह और Municipal council कर्मचारी संघके अध्यक्ष रविंद्र कुमार के नेतृत्व में निर्माण विभाग के अधिकारी और कर्मचारी नगर आयुक्त सेमिले।
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