कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने कहा है कि
लगभग चार हजार लोगों ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन किया था लेकिन उन
सभी को टिकट नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने उम्मीद की कि टिकट से वंचित रह गये नेता भी पार्टी के पक्ष में काम करेंगे।
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव है और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।
कमलनाथ ने साेमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि टिकट वितरण के दौरान पार्टी का उद्देश्य
सामाजिक न्याय करना था और यह प्रक्रिया जातीय समीकरण में सही बैठनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य के लोगों के
बीच है।
विपक्षी कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए रविवार को कमलनाथ
सहित 144 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की।
कमलनाथ ने कहा कि पार्टी दो-तीन दिन में शेष सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। उन्होंने कहा
कि अब तक घोषित उम्मीदवारों में से 65 लोग 50 साल से कम उम्र के हैं और 19 महिलाएं हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”करीब 4,000 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है, लेकिन
उन सभी को टिकट नहीं मिल सकता…हमने दूसरों से राय लेने के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की। ऐसी
चीजों पर शायद ही कोई सर्वसम्मति हो क्योंकि आवेदन करने वाले सभी लोग अपनी जीत का दावा करते
हैं।’
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई कि अंत में टिकट से वंचित नेता पार्टी के पक्ष में काम करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने करियर में कभी ऐसा नेता नहीं देखा जिसने पार्टी के टिकट के लिए आवेदन
किया हो और कहा हो कि वह हार रहा है। यह हमारे सामने बड़ी चुनौती थी। हम दो-तीन दिन के भीतर
शेष सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे।”
उन्होंने कहा कि राज्य के आगामी चुनाव उम्मीदवारों या पार्टियों के बीच नहीं है, बल्कि यह मध्य प्रदेश
के भविष्य के लिए है।
छिंदवाड़ा के विधायक कमलनाथ ने दावा किया कि राज्य चौपट (बर्बाद) हो गया है और भ्रष्टाचार में
अग्रणी है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव ” राज्य के भविष्य का प्रश्न” है।
हाल ही में भाजपा और अन्य दलों से कांग्रेस में आए नेताओं को टिकट दिए जाने के बारे में पूछे जाने
पर उन्होंने कहा कि ऐसे नेता स्थानीय पार्टी संगठन की सहमति के बाद ही उनकी पार्टी में शामिल हुए
हैं।