राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की तीसरी ऐसी प्रथमनागरिक हैं जिन्हें प्रयागराज Mahakumbh में आने और त्रिवेणी में डुबकी लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआहै।श्रीमती मुर्मू ने सोमवार को यहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच Mahakumbh के सकुशल संपन्न होने और राष्ट्रकल्याण की कामना के साथ त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगायी। तीर्थ पुरोहितो ने उन्हे पावन जलधारा के ऊपर बनाई गई जेटी पर तैयार किए गए पूजास्थल पर बैठकर पवित्र त्रिवेणी का पूजनकरवाया। राष्ट्रपति ने पूजन के बाद मां गंगा को दुग्ध, पुष्प अर्पित किया। उन्होंने मां गंगा कीआरती उतारी।
महामहिम ने किले में स्थित अक्षयवट, सरस्वती कूप और बड़े हनुमान मंदिर मेंदर्शन-पूजन किया। उनके साथ राज्मुयपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भीथे।इससे पहले देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का आगमन 1953 में प्रयागराज के कुंभ में पहुंचेथे। उन्होंने यहां पर एक माह का कल्पवास भी किया था। सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने किसी तीर्थपुराेहित के शिविर में न/न रहकर संगम तट पर स्थित अकबर के किले के ऊपर शिविर में अपनाकल्पवास पूरा किया था। उन्होंने पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणीमें आस्था की डुबकी लगाई थी।

Mahakumbh
सेना के अधीन हुए संगम तट पर स्थित अकबर के किले की छत पर कैंप लगाकर जहां डा प्रसाद नेअपना कल्पवास पूरा किया था उस स्थान को अब “प्रेसिडेंसियल व्यू” के नाम से जाना जाता है।कुंभ मेले में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आगमन के लंबे अंतराल 66 वर्षों के बाद भारत के 14वें राष्ट्रपतिरामनाथ कोविंद 2019 के कुंभ में परिवार सहित पहुंच कर आस्था की डुबकी लगाया था। उन्होंने शुभ्रगंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम के साथ कुंभ की भव्यता और दिव्यता को
देखकर अभिभूत हो गए थे। प्रतिभा देवीसिंह पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति रही है
जबकिजबकि वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। यह सौभाग्यदेश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को प्राप्त नहीं हो सका था।
http://Mahakumbh में शिरकत करने वाली द्रौपदी मुर्मू देश की तीसरी राष्ट्रपति
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