Noida के सेक्टर-63 स्थित जी ब्लॉक में असली के नाम पर नकलीप्रोटीन (फूड सप्लीमेंट) बनाने की कंपनी चल रही थी। थाना सेक्टर-63 पुलिस ने कंपनी पर छापा
मारकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मौके से भारी मात्रा में नकली नकली प्रोटीन (फूडसप्लीमेंट) बरामद किया है। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपी नकली फूड सप्लीमेंट कोएनसीआर की विभिन्न दुकानों और जिम संचालकों को असली बताकर सप्लाई करते थे। आरोपी अबतक लाखों रुपये का फूड सप्लीमेंट सप्लाई कर चुके हैं।गाजियाबाद के रहने वाले हैं
तीनों आरोपीसेन्ट्रल Noida डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर-63 पुलिस को सूचना मिलीकि क्षेत्र के सेक्टर-63 के जी-ब्लॉक स्थित एक कंपनी में नकली प्रोटीन (फूड सप्लीमेंट) बनाया जारहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने वहां छापेमारी की। पुलिस ने मौके से साहिल यादव पुत्र मुकेशयादव निवासी इंदिरापुरम गाजियाबाद, हर्ष अग्रवाल पुत्र प्रमोद अग्रवाल निवासी इंदिरापुरम गाजियाबादऔर अमित चौबे पुत्र सुरेश चौबे निवासी साहिबाबाद गाजियाबाद को गिरफ्तार किया है। पुलिस नेइनके पास से 35 प्रोटीन के डिब्बे, 2050 छोटे कैप्सूल के डिब्बे, 10 पैकेट खाली रैपर, 5500 खालीडिब्बे, 10 बोरी पाउडर, एक नीले रंग का छोटा ड्रम, पैकिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन, तीन मुहर आदिबरामद किए हैं। पुलिस ने बरामद सामानों को कब्जे में लिया है।
Noida
नामी कंपनियों के रैपर का करते थे उपयोगडीसीपी ने बताया कि पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी लंबे समय से नकली प्रोटीनबनाकर एनसीआर में लोगों को सप्लाई कर रहे थे। ये लोग कई नामी कंपनियों के नाम पर नकलीसामान बनाकर लोगों को सप्लाई करते थे। पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रहीहै। जांच में पुलिस को पता चला कि ये लोग दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में नकली प्रोटीन बनाकरविभिन्न दुकानों और जिम में काम करने वाले लोगों के जरिए बेचते थे। टीम ने सैंपल लेकर उनकीजांच की। पता चला कि डिब्बे में मात्रा लिखी थी।
पाउडर में ऐसा कुछ नहीं था जो इस तरह भरा जारहा था। यह पूरी तरह से नकली था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कड़ीपूछताछ में उन्होंने बताया कि वे बेहद कम कीमत पर नकली फूड सप्लीमेंट तैयार कर ऑनलाइनप्लेटफॉर्म के जरिए 5 गुना कीमत पर बेचते थे।1 दिसंबर को खोली थी कंपनी
गिरफ्तार साहिल यादव वर्ष 2017-2018 में हरियाणा में फूड सप्लीमेंट बनाने वाली कंपनी एडवांसन्यूट्रा टेक में काम कर चुका है। वहां से काम सीखने के बाद साहिल ने 1 दिसंबर 2024 को जी-86में रॉरेज के नाम से अपनी कंपनी बनाई।
इसमें उसने हर्ष को अपना पार्टनर और अमित को कंपनीमें मैनेजर बनाया। तीनों नकली फूड सप्लीमेंट के डिब्बे तैयार कर उन पर अपनी कंपनी का रैपरलगाकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचते थे। ऑर्डर मिलने के बाद वे इन फूड सप्लीमेंट को कूरियर केजरिए 3500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सप्लाई करते थे।तीन राज्यों में होती थी सप्लाईडीसीपी ने बताया कि ये लोग अलग-अलग जगहों से घटिया और सस्ता माल खरीदते थे। इनकीकंपनी उसे प्रोसेस करके पाउडर बनाकर डिब्बों में भर देती थी। फिर उस माल से कम कीमत परनकली फूड सप्लीमेंट के डिब्बे तैयार कर देते थे। उस पर अपनी कंपनी का रैपर लगा देते थे।
तैयारमाल को असली बताकर 4 से 5 गुना कीमत वसूलकर नोएडा, दिल्ली, हरियाणा और अन्य जगहों परसप्लाई कर देते थे।असली और नकली प्रोटीन सप्लीमेंट में फर्क
1.जब आप असली प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो इसका स्वाद पता नहीं चलता। वहीं, अगर आप
नकली प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो ऐसा लगेगा कि इसमें चीनी मिलाई गई है।
2.असली और नकली प्रोटीन की पहचान करने के लिए 300ML पानी में एक चम्मच पाउडर मिलाएं।
अगर पाउडर अच्छे से घुल जाता है, तो इसमें कोई मिलावट नहीं है। वहीं, अगर इसके क्रिस्टल पानी
में नहीं घुल रहे हैं, तो यह नकली हो सकता है।
3.कई बार सप्लीमेंट मार्केट में ब्रांड की नकल करके बेचे जाते हैं। इसका पता लगाने के लिए ब्रांड की
स्पेलिंग और लेबल को ध्यान से देखें। इसके अलावा, आप बॉक्स पर लगे बारकोड को स्कैन करके
भी जांच सकते हैं।
http://Noida नकली प्रोटीन बनाने वाली एक फैक्टरी का भंडाफोड, तीन लोग गिरफ्तार
youTube:-@udhyognirman
Facebook:-@udhyognirma