Punjab और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों केएक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद हीबहुस्तरीय अवरोध लगाकर रोक दिया गया।जब कुछ किसान शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की ओर लगाए गए अवरोधकों के पास पहुंच गए, तो
सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने को कहा और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
(बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया।
अंबाला जिला प्रशासन ने जिले में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होनेपर प्रतिबंध लगा दिया है। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनीगारंटी की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं।विभिन्न किसान यूनियन के झंडे थामे कुछ किसानों ने घग्गर नदी पर बनाए गए पुल परसुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई लोहे की जाली को नीचे धकेल दिया।हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांव में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कईलोगों को संदेश भेजने की सुविधा ‘बल्क एसएमएस सेवा’ को नौ दिसंबर तक निलंबित कर दिया।
दिल्ली चलो मार्च
अंबाला के डंगडेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, ददियाना, बड़ी घेल, लार्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर,सुल्तानपुर और काकरू गांवों में शुक्रवार दोपहर को यह प्रतिबंध लगाया गया।संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनीमांगों के समर्थन में इससे पहले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलोंके न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कई अन्य मांग शामिल हैं। सुरक्षा बलों द्वारादिल्ली की ओर मार्च करने से रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभूऔर खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।जत्थे ने दोपहर एक बजे अपना मार्च शुरू किया, लेकिन कुछ मीटर दूरी पर उन्हें हरियाणा सरकारद्वारा लगाए गए बहुस्तरीय अवरोधकों से रोक दिया गया।
‘सतनाम वाहेगुरु’ का जाप करते हुए और किसान यूनियन के झंडे एवं आवश्यक वस्तुएं लेकर मार्चकर रहे जत्थे ने शुरुआती स्तर के अवरोधक आसानी से पार कर लिए, लेकिन बाद में वे आगे नहींबढ़ सके।कुछ किसानों ने लोहे की जाली एवं कंटीले तारों को हटा दिया और कुछ अन्य ने राष्ट्रीय राजमार्ग-44से लोहे की कीलें भी उखाड़ दीं।सुरक्षा के लिए लगाए गए लोहे की ग्रिल वाले अवरोधकों के पीछे खड़े सुरक्षाकर्मी किसानों से यहकहते देखे गए कि वे आगे न बढ़ें, क्योंकि उनके पास इसकी अनुमति नहीं है।प्रदर्शनकारियों में शामिल एक व्यक्ति टिन की छत पर चढ़ गया, जहां सुरक्षा बल तैनात थे। उसेजबरन नीचे उतारा गया।शंभू बॉर्डर पर पानी की बौछारें करने की भी व्यवस्था की गई है।
इससे पहले, अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शुक्रवार को बंदकरने का आदेश दिया है।किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च शुरू करने वाले 101 किसानों को ‘मरजीवड़ा’ (ऐसे लोग, जोकिसी मकसद के लिए जान भी देने को तैयार हों) कहा था।पंधेर ने हरियाणा प्रशासन द्वारा पैदल मार्च पर रोक लगाए जाने की आलोचना की।
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