Ayodhya, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव को लेकरतैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रशासनिक खेमे के अलावा डॉ. राम मनोहर लोहिया विवि ने भीइस दिशा में युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। इस बार दीपोत्सव कुछ खास ही होने वाला है।इसमें झारखंड के 150 आदिवासी भी दीप जलाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह आदिवासी स्वयंसेवक केरूप में घाटों पर जुटेंगे।उल्लेखनीय है कि Ayodhya में 2017 से राम की पैड़ी पर दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी। उसके बाद
से यहां दीपोत्सव के जरिए प्रतिवर्ष नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। ऐसे में इस बार मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने 25 लाख दीए जलाने का ऐलान किया है, जिसके लिए 28 लाख दीपों को सरयू नदीके किनारे तटों पर बिछाया जाएगा।
Ayodhya
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अयोध्या नगरी को सजाने का कामशुरू कर दिया गया है।राम की पैड़ी पर इस बार स्थानीय नागरिकों को भी शामिल करने की योजना बनाई गई है। इसकलिए वहां पर चौड़े-चौड़े पलेटफॉर्म वाली सीढियां बनाई जा रही हैं, जो बिल्कुल स्टेडियम की तरह है।इस बार दीयों की संख्या बढ़ते ही घाटों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसे 51 से 55 कर दिया गया है।चौधरी चरण सिंह और भजन संध्या स्थल व अन्य घाटों को दीप जलाने के लिए शामिल किया गया
है।वहीं, 90 हजार लीटर सरसों के तेल के प्रयोग होने की बात बताई जा रही है। दीपोत्सव में दीयों कीसंख्या बढ़ते ही रुई की बाती का इंतजाम भी किया जाने लगा है। बताया जाता है 40 लाख रुई कीबाती लगेगी। स्वयंसेवक 25 अक्टूबर से राम की पैड़ी के घाटों पर दीए बिछाने का कार्य शुरू करदेंगे।
दीपोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ. एसएस मिश्र ने बताया कि हमारी तैयारियां तेजी से चल रही है।इस बार श्री राम भव्य महल में विराजमान हुए हैं। इसी कारण दीपोत्सव को और भी भव्य तरीके सेमनाया जाएगा।
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