संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहेहैं।

मंगलवार को पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा बिंदु पर पत्रकारों से बात करते हुए किसान मजदूर
मोर्चा का प्रतिनिधित्व करने वाले पंधेर ने कहा कि किसानों की तीन बड़ी मांगें हैं – सभी फसलों के लिए
एमएसपी पर कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत’ फॉर्मूले का
कार्यान्वयन और ऋण माफी।


एक सवाल का जवाब देते हुए पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में किसानों ने प्रस्ताव दिया
कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर एमएसपी पर कानून बनाया जाए।
कर्ज माफी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक किसानों पर कुल 18.5 लाख करोड़
रुपये का कर्ज है।


उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह घोषणा करने का अनुरोध किया कि कृषि ऋण माफ कर दिया
जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक तंत्र बाद में तैयार किया जा सकता है।


उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से किसानों की विभिन्न मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा।
‘दिल्ली चलो’ मार्च पर एक सवाल का जवाब देते हुए, किसान नेता ने कहा, “हमारी घोषणा (बुधवार को
दिल्ली जाने की) कायम है”।


एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा किसानों की कोई मांग नहीं मानी गई है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान दो किसानों की मौत के मुद्दे पर पंधेर ने कहा कि पंजाब सरकार को इस संबंध
में एक नीति की घोषणा करनी चाहिए और उन्होंने मृतक के परिवार के लिये मुआवजा और एक सदस्य
के लिए नौकरी की मांग की।

खनौरी सीमा बिंदु पर विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे 72 वर्षीय किसान की रविवार को हृदय गति रुकने
से मौत हो गई। इससे पहले शंभू बॉर्डर पर 63 साल के एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो
गई थी।


सोमवार शाम को एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा था, ‘हमारे दो मंचों पर
चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के हित में नहीं है और हम इसे
अस्वीकार करते हैं।’


यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली तक मार्च का उनका आह्वान अब भी कायम है, पंधेर ने कहा था,
‘हम 21 फरवरी को सुबह 11 बजे शांतिपूर्वक दिल्ली जाएंगे।’

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