संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की
स्पेशल सेल ने दो और लोगों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि इन दोनों के तार पहले
गिरफ्तार किये गये पांच लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की पहचान महेश
और कैलाश के रूप में की गई है। दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं। उनका ‘जस्टिस फॉर आजाद भगत
सिंह’ नामक सोशल मीडिया समूह से कथित संबंध है।
स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट की पूछताछ में यह बात सामने आई कि महेश भी टीम का
हिस्सा बनने वाला था, लेकिन किसी कारण से उसके परिवार के सदस्यों ने उसे रोक दिया। इसके
अलावा, महेश ने पांचवें आरोपित और मास्टरमाइंड ललित झा को दिल्ली से राजस्थान के कुचामन
पहुंचने के बाद उसके साथियों के मोबाइल फोन जलाने में भी मदद की है।
दूसरी ओर, गुरुवार रात, दो पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) और अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों सहित वरिष्ठ
पुलिस अधिकारियों ने ललित झा से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान ललित ने अधिकारियों को पूरी
घटना की जानकारी दी।सूत्रों की मानें तो पूछताछ में पता चला कि हमले की तैयारी महीनों पहले से की जा रही थी। संसद में
प्रवेश के लिए प्रवेश पास आवश्यक था, जो उपलब्ध नहीं हो पा रहा था इसलिए वह पहले इसे अंजाम
नहीं दे पाए। ललित ने सभी से पूछा था कि पास की व्यवस्था कौन कर सकता है ताकि वे आसानी से
संसद में प्रवेश कर सकें।
ललित राजस्थान के होटल से लगातार समाचार चैनलों के जरिए चल रहे घटनाक्रम और पुलिस की
गतिविधियों पर नजर रख रहा था। सूत्रों के अनुसार मामले में और अधिक खुलासे के लिए दिल्ली पुलिस
की स्पेशल सेल ने छह टीमें बनाई हैं जो लखनऊ, मैसूर, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में
आरोपितों से जुड़े स्थानों पर जाएंगी।
इसके अलावा, आरोपितों को क्रॉस-वेरिफिकेशन और सबूतों की पहचान के लिए अलग-अलग स्थानों पर
भी ले जाया जाएगा। सभी आरोपी अगले सात दिनों तक स्पेशल सेल की हिरासत में रहेंगे। जांच में यह
भी पता चला कि दो जोड़ी जूते लखनऊ में विशेष ऑर्डर पर बनाए गए थे। आरोपितों को इस बात का
पता था कि संसद में जूतों की जांच नहीं की जाती है। इसी का इस्तेमाल उन्होंने संसद के अंदर धुएं का
डिब्बा ले जाने के लिए किया।