उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को
तकनीकी संस्थानों को नये दौर के पाठ्यक्रम अपनाने की सलाह दी। मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक
सुविधाओं से सुसज्जित नए प्रशासनिक भवन का लोकार्पण करने के बाद अपने संबोधन में कहा
‘‘तकनीकी संस्थानों को घिसे पिटे कार्यक्रम छोड़कर नये दौर के पाठ्यक्रमों को अपने यहां लागू करना
होगा।’’
योगी ने कहा ‘‘आज का समय तकनीक का है, जिसका उपयोग राष्ट्र निर्माण और लोक कल्याण में किया
जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि 2017 तक उत्तर प्रदेश में केवल दो साइबर थाने थे, लेकिन आज प्रदेश
के हर जनपद में एक-एक साइबर थाना है और हर जिले में साइबर हेल्प डेस्क है, जिसकी वजह से
साइबर अपराधों पर लगाम लग रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह तकनीकी
सहयोग के लिए साइबर थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) करें। आज गोरखपुर जोन की पुलिस ने
इस दिशा में अभिनव पहल करते हुए मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन
किया है।’’
योगी ने कहा कि देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर उत्तर प्रदेश में है तथा राज्य के तकनीकी संस्थानों को
चाहिए कि वे स्वयं को उससे जोड़ें। उन्होंने कहा ‘‘समाज की आवश्यकता के अनुरूप हम अपने शोध को
आगे बढ़ाएं। इससे परिणाम सुखद होंगे।’’ उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों को सुझाव दिया कि हमें
समाज और सरकार की योजनाओं के सापेक्ष आगे बढ़ना होगा।
कार्यक्रम में सांसद रवि किशन शुक्ल, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश
श्रीवास्तव, कुलपति जय प्रकाश पाण्डेय, विधायक फतेह बहादुर सिंह और विपिन सिंह समेत अन्य
गणमान्य अतिथि मौजूद थे।