हिट एंड रन कानून के खिलाफ देशभर में बस और ट्रक ड्राइवर
हड़ताल पर हैं। मंगलवार को ट्रांसपोर्ट यूनियन और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुई बैठक के
बाद इस कानून पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अभी यह लागू नहीं होगा। लेकिन, उसके बावजूद
ड्राइवरों का हड़ताल जारी है।
आज दिल्ली की जंतर मंतर पर देश के अलग-अलग राज्यों से आए ड्राइवर संगठन से जुड़े लोगों ने
प्रदर्शन किया। जंतर मंतर पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब आदि राज्यों से ऑटो
टैक्सी ट्रांसपोर्ट यूनियन प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे। ड्राइवरों का कहना है कि जब तक इस काले कानून
को वापस नहीं लिया जाता है। तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। सिर्फ रोक लगाने से कुछ नहीं होगा,
सरकार को उसे तुरंत वापस लेना होगा, हमें लिखित में आश्वासन चाहिए।
दिल्ली ऑटो टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष आर एस राठौड़ ने बताया कि हिट एंड रन कानून सरकार को
वापस लेना चाहिए। क्योंकि प्राइवेट ड्राइवरों को 10-12 हजार प्रतिमाह सैलेरी मिलती है। ऐसे में वह 7 से
10 लाख रुपए का जुर्माना कहां से देंगे। वहीं, दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष
संजय सम्राट ने कहा कि इस बार सरकार ने गलत लोगों से पंगा ले लिया। देशभर में हमारी संख्या 25
करोड़ है।
अगर सभी ड्राइवर अपनी गाड़ियों को रोक देंगे तो सड़कों पर लंबा जाम लग जाएगा। इसके
साथ ही जो सांसद, मंत्रियों और नेताओं के घरों पर खाने-पीने की वस्तुएं ड्राइवरों द्वारा पहुंचाई जा रही
है वह भी बंद हो जाएंगे।
संजय सम्राट ने कहा कि ड्राइवर की एकता को अभी यह लोग पहचान नहीं पा रहे हैं। हम उन्हें चेतावनी
दे रहे हैं कि वह इस कानून को वापस लें, नहीं तो आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से
चड़मरा जाएगी। और, इसके लिए जिम्मेवार केंद्र सरकार होगी। वहीं, अमर सिंह ने कहा कि गृहमंत्री
अमित शाह अपने कमरे में बैठे-बैठे ही सारे नियम बना लिए। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के लोगों से कोई
बातचीत नहीं की। क्या अमित शाह जी ने कभी गाड़ी चलाई है, क्या उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता है।