शरद पूर्णिमा गंगा स्नान पर आज देश के कई प्रांतों से आए हजारों
श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान के पश्चात श्रद्धालुओं ने देवालयों में देवदर्शन किए
और यथा शक्ति दान आदि दिए।
श्रद्धालुओं ने अपने पितराें के निमित्त श्राद्ध-तर्पण आदि कर्म भी किए। पूर्णिमा स्नान के कारण
तीर्थनगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
शनिवार को शरद पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुण्ड समेत गंगा के तमाम घाटों
पर पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान पर्व के दौरान गंगा बंदी होने के कारण लोगों को समस्याओं से दो-चार
होना पड़ा। खासकर उन स्थानीय लोगाें को जो गंगनहर में स्नान करते हैं।
हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान पर्व को देखते हुए गंगा जल की मात्रा में बढ़ोतरी की गई, जिससे श्रद्धालु
गंगा स्नान कर सकें। हरकी पैड़ी पर गंगा जल की मात्रा बढ़ने से लोगों ने गंगा स्नान किया। गंग बंदी
के कारण गंगा की मूल धारा नीलधारा में भी अधिकांश लोगों ने स्नान किया। गंगा स्नान के पश्चात
लोगों ने मंदिरों में जाकर देवदर्शन किए और दान आदि कर्म कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
शरद पूर्णिमा पर चन्द्र ग्रहण होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बताते हैं कि शरद पूर्णिमा पर चन्द्र
ग्रहण का योग 30 वर्षों बाद बना है। वहीं ग्रहण का सूतक ग्रहण के नौ घंटे पूर्व लगने के कारण सांय
चार बजे सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। गंगा आरती भी साढ़े तीन बजे हो गई। सूतक के
कारण बंद हुए मंदिरों के कपाट अब रविवार की सुबह ही खोले जाएगे। गंगा स्नान पर भीड़ को देखते
हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।