प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ बड़े परिवारों द्वारा विदेशों में शादियां
आयोजित करने के चलन पर पीड़ा व्यक्त की और रविवार को उनसे आग्रह किया कि वे भारत की धरती
पर इस तरह के समारोह आयोजित करें ताकि देश का धन इससे बाहर नहीं जाए।
आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 107वीं कड़ी में उन्होंने बताया कि
कैसे त्योहारों के इस मौसम में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार हुआ और ‘वोकल फॉर
लोकल’ को बल मिला।
मोदी ने मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि इस जघन्य हमले से
उबरने के बाद भारत आज पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘26 नवंबर के दिन को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आज के ही दिन देश पर सबसे
जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्राकर रख दिया था। लेकिन यह
भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं।’’
मोदी ने देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित न रखने की
अपील की और उनसे आग्रह किया कि उन्हें शादी के मौसम में भी स्थानीय उत्पादों को महत्व देना
चाहिए।
‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीदारी पर बल देने के अपने आग्रह का
जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार
लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का
जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया।’’
उन्होंने कहा कि अब तो घर के बच्चे भी दुकान पर कुछ खरीदते समय देखने लगे हैं कि उस पर ‘मेड
इन इंडिया’ लिखा है कि नहीं।
मोदी ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं ऑनलाइन सामान खरीदते समय भी अब लोग यह देखना नहीं भूलते हैं
कि उत्पाद किस देश में बना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे स्वच्छ भारत अभियान की सफलता ही उसकी प्रेरणा बन रही है वैसे ही ‘वोकल फॉर
लोकल’ की सफलता विकसित भारत और समृद्ध भारत के द्वार खोल रही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ का अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह रोजगार की गारंटी है। यह विकास की गारंटी है, यह देश के संतुलित विकास की
गारंटी है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों को समान अवसर मिलते हैं। इससे स्थानीय उत्पादों में
गुणात्मक वृद्धि होती है और कभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आता है तो ‘वोकल फॉर लोकल’
का मंत्र हमारी अर्थव्यवस्था को संरक्षित भी करता है।’’
कुछ व्यापार संगठनों के अनुमान का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल शादियों के मौसम
में करीब पांच लाख करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है।
उन्होंने देशवासियों से अनुरोध किया, ‘‘भारतीय उत्पादों को खरीदने की भावना केवल त्योहारों तक सीमित
नहीं रहनी चाहिए। अभी शादियों का मौसम भी शुरू हो चुका है…शादियों से जुड़ी खरीदारी में भी आप
सभी भारत में बने उत्पादों को ही महत्व दें।’’
प्रधानमंत्री ने इस दौरान कुछ परिवारों द्वारा विदेशों में शादी करने के चलन पर सवाल उठाया और उनसे
कहा कि यदि वे भारत की मिट्टी में और भारत के लोगों के बीच शादी-ब्याह मनाएं तो देश का पैसा,
देश में रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘देश के लोगों को आपकी शादी में कुछ-न-कुछ सेवा करने का अवसर मिलेगा, छोटे-छोटे
गरीब लोग भी अपने बच्चों को आपकी शादी की बातें बताएंगे। क्या आप ‘वोकल फॉर लोकल’ के इस
मिशन को विस्तार दे सकते हैं?’’
मोदी ने कहा, ‘‘हो सकता है आपको जैसी व्यवस्था चाहिए वैसी व्यवस्था आज नहीं होगी लेकिन अगर
हम इस प्रकार के आयोजन करेंगे तो व्यवस्थाएं भी विकसित होंगी। ये बहुत बड़े परिवारों से जुड़ा हुआ
विषय है। मैं आशा करता हूं कि मेरी यह पीड़ा उन बड़े परिवारों तक जरूर पहुंचेगी।’’
प्रधानमंत्री ने लोगों से शादी-ब्याह की खरीदारी के दौरान डिजिटल भुगतान माध्यमों का उपयोग करने का
भी आग्रह किया।