Noida International Airport ट्रायल से पहले एयरपोर्ट परिसर में दिखे पांच हिरन, रेस्क्यू कर छोड़े

उपकरण की जांच के बाद अब रनवे ट्रॉयलअहम है।Noida International Airport के पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर भूमि पर निर्माण हो रहा है। इसमें छह
गांव शामिल हैं। यह स्थान नील गाय, ब्लैक बक, भारतीय चिंकारे, बंदर, सुनहरे सियार, जंगलीबिल्लयां, सारस समेत वन्य जीवों का घर है। निर्माण के दौरान कुछ वन्य जीवों ने अपना ठिकानाबदल लिया जबकि कुछ दिखाई दे जाते हैं। अप्रैल 2025 में नियमित उड़ान शुरू होने से पहले यहांपर सुरक्षित उड़ान की तैयारियों के मद्देनजर रेस्क्यू केंद्र भी अहम है।


25 उड़ानों के साथ होगी शुरुआत


17 अप्रैल, 2025 को कॉमर्शियल उड़ाने शुरू होनी हैं। इसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों रूटों के लिएलगभग 30 उड़ानें प्रस्तावित हैं। शुरुआत में 25 उड़ानें प्रमुख घरेलू रूटों को जोड़ेंगी, जबकि तीनउड़ानें अंतरराष्ट्रीय रूट पर होंगी। इसके अलावा, दो उड़ानें कार्गो सेवाओं के लिए होंगी। पूरा होने केबाद, यह हवाई अड्डा एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा।पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सिंगापुर, दुबई और ज्यूरिख के लिए होंगी। घरेलू स्तर पर, हवाई अड्डा
मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, हैदराबाद, देहरादून और हुबली जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ जाएगा।

टिकट बुकिंग और लाइसेंसिंग प्रक्रिया

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बुकिंग हवाई अड्डे के आधिकारिक उद्घाटन से 90 दिन पहले शुरू होनेकी संभावना है, जबकि घरेलू टिकट छह सप्ताह पहले उपलब्ध होंगे।वन विभाग को 5 हेक्टेयर जमीन के साथ 46 लाख रुपये रेस्क्यू केंद्र के लिए दिए हैं। हवाई अड्डेका निर्माण ज्यूरिंख कंपनी कर रही है। निर्माण के दौरान अगर कोई वन्य जीव दिखाई देता है तोवही वन विभाग से उसे बचाव के लिए कहती है। सुरक्षित उड़ान के लिए वन्य जीवों का वहां सेसुरक्षित दूरी पर होना जरूरी है।


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