प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक के बेलगावी में एमसीए
की छात्रा नेहा हिरेमत की हत्या के मुद्दे पर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला और राज्य में सत्तारूढ़
इस पार्टी की कानून -व्यवस्था बनाए रखने में विफलता के लिए कड़ी आलोचना की।
श्री मोदी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बेलगावी, चिक्कोडी और हुबली की घटनाओं
का हवाला देते हुए कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के कल्याण पर तुष्टीकरण की राजनीति को
प्राथमिकता देने का आरोप लगाते हुए कॉलेज परिसर में हुए क्रूर हत्याकांड जैसे मामलों से भी कड़ाई
से नहीं निपटने पर पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की।
श्री मोदी ने कहा, ‘‘कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आने से पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति
चरमरा गयी है। यहां बेलगावी में एक आदिवासी बहन के साथ और चिक्कोडी में एक जैन साधु के
साथ जो हुआ, वह शर्मनाक है।”
श्री मोदी ने यहां एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हुबली के एक कॉलेज परिसर में
हमारी बेटी नेहा के साथ जो हुआ, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। उसका परिवार कार्रवाई की
मांग करता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण का दबाव हावी रहा।”
उन्होंने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी करने और चुनावी उद्देश्यों के लिए प्रतिबंधित
संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ जुड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने बेंगलुरु के
एक कैफे में बम विस्फोट की घटना के बाद उचित कार्रवाई करने में कांग्रेस की कथित विफलता का
हवाला देते हुए सुरक्षा मुद्दों से निपटने में गंभीरता की कमी की ओर संकेत दिया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर केवल चुनावी लाभ के लिए पीएफआई जैसे राष्ट्र-विरोधी संगठन का बचाव
करने का आरोप लगाया, विशेष रूप से केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में जहां से श्री राहुल गांधी
चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब बेंगलुरु के एक कैफे में बम विस्फोट हुआ, तो कांग्रेस ने इसे
गंभीरता से नहीं लिया।
इतना ही नहीं, कांग्रेस ने वोट के लिए पीएफआई का इस्तेमाल किया, जो
आतंकवाद को आश्रय देने वाला एक राष्ट्र विरोधी संगठन है और जिस पर मोदी सरकार द्वारा
प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
कांग्रेस सिर्फ एक सीट, वायनाड में जीत हासिल करने के लिए ऐसे
आतंकवादी संगठन पीएफआई का बचाव करने में लगी हुई है।”
श्री मोदी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे पर
कथित तौर पर नागरिकों को गुमराह करने के लिए इंडिया समूह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि
न्यायालय ने उनकी आकांक्षाओं को चकनाचूर कर दिया।
उन्होंने कांग्रेस पर एचएएल के बारे में झूठ फैलाने, महामारी के दौरान ‘मेड इन इंडिया’ कोविड टीकों
का विरोध करने और ईवीएम की आड़ में विश्व स्तर पर भारत के लोकतंत्र की छवि खराब करने का
प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने ईवीएम के बारे में गलत सूचना प्रचारित करने वाले कांग्रेस
नेताओं से माफी की मांग की।