विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में दिल्ली के प्रदूषण को लेकर सामने आई
जानकारी के बाद उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली
सरकार प्रदूषण को कम करने में नाकाम रही है,
जिसके चलते लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने
मुख्यमंत्री को दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा। उपराज्यपाल ने
पत्र में लिखा, यह बेहद शर्मनाक है
कि वर्ष 2022 में दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी में दिल्ली दूसरे
नंबर पर है। बीते दो वर्षों में उन्होंने प्रदूषण का मुद्दा कई बार दिल्ली सहित एनसीआर के मुख्यमंत्रियों
के समक्ष उठाया है। पत्र में विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट-2023 में पीएम 2.5 के स्तर को लेकर भी चिंता
जताई गई है।
प्रदूषण में बड़ा हिस्सा गाड़ियों से निकलने वाला प्रदूषण है। इसके अलावा सड़क की धूल
और खुले में जलाने की घटनाएं भी प्रदूषण बढ़ाती हैं। इसकी वजह से न केवल लोग बीमार हो रहे हैं,
बल्कि समय से पहले मर रहे हैं।
अस्पताल में बच्चे से लेकर बड़े एवं बुजुर्ग सांस की बीमारी से पीड़ित
हो रहे हैं। यह जीने के अधिकार को छीन रहा है। उपराज्यपाल ने लिखा, राजनीतिक नेतृत्व की इच्छा से
लंदन और बीजिंग में प्रदूषण खत्म हुआ है।
राजधानी में वैज्ञानिकों और संस्थानों की कमी नहीं है,
लेकिन प्रदूषण को लेकर गंभीरता की कमी है। प्रदूषण के चलते दिल्ली की छवि नकारात्मक बनी हुई है।
दुनिया में दिल्ली को प्रदूषण के लिए जाना जा रहा है। दिल्ली को सबसे प्रदूषित यमुना के लिए भी जाना
जाता है।
इसके साथ ही कूड़े के पहाड़ लगातार लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। उनके द्वारा जब कभी
समस्या को उठाया जाता है तो मंत्री मुख्य सचिव को काम करने के निर्देश जारी कर देते हैं। उन्हें
उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जल्द इन समस्याओं का समाधान करने के लिए उचित कदम उठाएंगे।