प्रदूषण पर काबू पाने में फिर नाकाम हो रही है केजरीवाल सरकार:

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने
राजधानी में प्रदूषण के लगातार बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा है कि एक बार फिर अरविंद केजरीवाल
सरकार स्थिति पर काबू पाने में नाकाम रही है। न पंजाब में पराली जलने की घटनाएं रुक पा रही हैं, न
दिल्ली में धूल पर काबू पाया जा सका है और न ही सरकार के बाकी किसी इंतजाम का असर दिखाई दे
रहा है। बिधूड़ी ने कहा कि पराली नष्ट करने वाला डि कम्पोजर घोल और रेडलाइट ऑन गाड़ी ऑफ जैसे
उपाय सिर्फ हवाई प्रचार के तरीके ही साबित हुए हैं। जमीन पर उनका कोई असर नहीं हुआ।


बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में अब एयर क्वालिटी लगातार बिगड़ती जा रही है क्योंकि सरकार सिर्फ
मौसम पर ही पूरी तरह निर्भर है। उसके अपने उपायों में न पहले कोई दम था और न ही अब कोई दम
है। जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी तो मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली के प्रदूषण के
लिए पराली को जिम्मेदार ठहराते थे और यह दावा करत थे कि हमारी पार्टी सत्ता में आ गई तो दिल्ली
को राहत मिल जाएगी। अब तो पंजाब में आप सरकार को आए दो साल होने जा रहे हैं लेकिन पराली

जलाने की घटनाओं पर कोई रोक नहीं लग सकी। केजरीवाल ने बायो डी कम्पोजर घोल बनाने का दावा
करते हुए प्रचार पर करोड़ों रुपए फूंक दिए।


अगर यह घोल इतना असरदार है तो उसका पंजाब में उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा। घोल बनाने पर
पर कुल मिलाकर 3 लाख 40 हजार रुपए खर्च किए गए लेकिन हैरानी की बात यह है कि पहले ही साल
इस योजना के प्रचार पर करीब 24 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए।

यह जानकारी खुद सरकार ने
विधानसभा में दी थी। इसी तरह रेडलाइट ऑन गाड़ी ऑफ योजना भी एक्सपर्ट्स की राय में पूरी तरह
फेल है लेकिन आम आदमी पार्टी के वालंटियरों की जेब भरने के लिए उन्हें चौराहों पर खड़ा कर दिया
जाता है। एक्सपर्ट्स ने साफतौर पर कहा है कि जब गाड़ी को बंद करके दोबारा स्टार्ट किया जाता है तो
उस पर ज्यादा ईंधन खर्च होता है और ज्यादा प्रदूषण फैलता है।


बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में पहले 10 हॉटस्पॉट माने जाते थे लेकिन अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने
मान लिया है कि आठ हॉटस्पॉट और प्रकाश में आ गए हैं। सच्चाई यह है कि पूरी दिल्ली में धूल का
प्रदूषण फैल रहा है और यह सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा उदाहरण है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुलभ न
होने के कारण लोगों द्वारा अपनी गाड़ियों का इस्तेमाल और सड़कों की मरम्मत न होने के कारण
दिल्ली का प्रदूषण हर साल इस मौसम में बढ़ रहा है।

सरकार इन दोनों समस्याओं पर काबू पाने के
लिए कोई ठोस कदम उठाने की बजाय जनता का ध्यान बंटाने की कोशिश करती रही है। इस बार भी
ऐसा ही हो रहा है और दिल्ली की जनता जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर है।

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