Delhi में ISBT से भीड़ होगी कम

New Delhi। Delhi के इंटरस्टेट बस अड्डों पर बसों को आधे घंटे से ज्यादा देर रोकना बहुत महंगा पड़ेगा। एलजी के निर्देश पर Delhi सरकार का परिवहन विभाग जल्द ही बस अड्डों की स्टैंड फीस में बढ़ोतरी करने जा रहा है। नियम लागू होने के बाद बस अड्डों के अंदर 25 मिनट से ज्यादा देर रुकने वाली बसों से एक्स्ट्रा चार्ज वसूला जाएगा। इसके अलावा जिन बसों पर फास्टैग नहीं लगा होगा, उन्हें बस अड्डे में एंट्री भी नहीं मिलेगी। स्टैंड फीस भी केवल फास्ट टैग के जरिए ही वसूली जाएगी। इतना ही नहीं, ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली प्राइवेट बसों और इंटरस्टेट बसों से एक समान स्टैंड फीस वसूली जाएगी। अभी सरकारी बसों के मुकाबले प्राइवेट बसों से ज्यादा फीस वसूली जाती है।

एलजी ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, नए नियमों के तहत प्राइवेट और सरकारी, दोनों तरह की इंटरस्टेट बसों को सिंगल ट्रिप के लिए 500 रुपये की स्टैंड फीस देनी होगी, जिस पर जीएसटी अलग से लगेगा। यह फीस केवल 25 मिनट तक रुकने के लिए वेलिड होगी। उसके बाद 25 से 30 मिनट पर 50 रुपये, 30 से 35 मिनट पर 200 रुपये, 35 से 40 मिनट पर 250 रुपये, 40 से 45 मिनट पर 300 रुपये और 45 मिनट से अधिक पर हर 5 मिनट के 350 रुपये के हिसाब से एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा और उस पर जीएसटी अलग से देना होगा। स्टैंड फीस केवल फास्ट टैग से वसूली जाएगी। एलजी ने कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां, तीनों ही इंटरस्टेट बस अड्डों पर यह व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है।

Delhi ISBT

Delhi 31 अगस्त को एलजी वी.के. सक्सेना ने ट्रांसपोर्ट विभाग और ट्रैफिक पुलिस के सीनियर अफसरों के साथ आईएसबीटी कश्मीरी गेट का दौरा किया था, जहां उन्होंने बस अड्डे के अंदर और बाहर रहने वाले कंजेशन की वजहों का आंकलन किया था। बाद में उन्होंने एक हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई थी, जिसमें परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव, ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर और ट्रांसपोर्ट विभाग, डीटीसी, एमसीडी के सीनियर अफसर शामिल हुए थे। मीटिंग में बस अड्डों के प्रभावी इस्तेमाल के लिए एलजी ने सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह की बसों से एक समान पार्किंग चार्ज वसूलने का सुझाव दिया था। इसके अलावा अधिक से अधिक बसें बस अड्डे के अंदर से ही संचालित हों, इसके लिए अंदर आने वाली बसों के पार्किंग टाइम को घटाने और बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के बसों के आने-जाने का ट्रैक रिकॉर्ड रखने के लिए फास्टैग आधरित एंट्री देने का सुझाव भी दिया गया था।

एलजी का मानना है कि नए नियम लागू होने के बाद बस अड्डों की क्षमता का अधिकतम इस्तेमाल किया जा सकेगा और रोज 3000 बसें यहां से आ-जा सकेंगी। अभी प्रतिदिन केवल 1700 बसें ही आ पाती हैं, क्योंकि दूसरी बसें ज्यादा देर खड़ी रहती हैं, जिसके चलते कई बसें अंदर ही नहीं आ पाती हैं और बाहर से ही सवारियां उतारकर चली जाती हैं। प्राइवेट और सरकारी इंटरस्टेट बसों के पार्किंग रेट में अंतर की वजह से प्राइवेट बस ऑपरेटर भी अभी बस अड्डे से अपनी बसों का संचालन करने से बचते हैं। बस अड्डे के अंदर बसों के आवागमन में तेजी आने से यात्रियों को भी सुविधा होगी और बाहर ट्रैफिक का फ्लो भी सुधरेगा।

Delhi में ISBT से भीड़ होगी कम, 25 मिनट से ज्यादा बस रोकी तो देना पड़ेगा एक्स्ट्रा चार्ज

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