उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन ने जिले
की सभी बहुमंजिला इमारतों के फ्लैट मालिकों को सीधे बिजली कनेक्शन (मल्टी प्वाइंट) देने निर्देश दिए
हैं। उन्होंने फरवरी 2024 तक शत प्रतिशत सोसाइटी में कनेक्शन देने के निर्देश दिए हैं। हालांकि,
ज्यादातर सोसाइटी के निवासियों ने सीधे बिजली कनेक्शन लेने से इंकार कर दिया है। ऐसे में विद्युत
निगम का कहना है कि जरूरत पड़ी तो इस मामले में सख्ती की जाएगी। जिले में ग्रुप हाउसिंग की चार
सौ से अधिक सोसाइटी हैं।
इनमें तीन लाख से अधिक फ्लैट हैं। करीब एक साल पहले तक विद्युत
निगम बिल्डर को कनेक्शन देता था। फिर बिल्डर फ्लैट मालिकों को मनमाने शुल्क पर कनेक्शन जारी
करता था और बिजली बिल भी अधिक वसूलता था। ऐसे में सोसाइटी में रहने वाले लोग पावर
कॉरपोरेशन से सीधे बिजली कनेक्शन की मांग कर रहे थे। लोगों ने इस संबंध में ऊर्जा मंत्री से भी गुहार
लगाई थी। 11 जुलाई 2018 को लखनऊ में उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) ने सीधे
बिजली कनेक्शन देने का प्रस्ताव मंजूर किया था। कनेक्शन देने में तमाम बाधाएं आने के बाद प्रस्ताव
में कई बार संशोधन किए गए। अभी तक 40 सोसाइटी में 38 हजार लोगों को मल्टी प्वाइंट कनेक्शन
दिए जा चुके हैं। अब एक बार फिर यूपीपीसीएल के नवनियुक्त चेयरमैन मल्टी प्वाइंट कनेक्शन योजना
को सफल बनाने की कोशिश में जुटे हैं।
उन्होंने विशेष रूप से नोएडा और गाजियाबाद के अभियंताओं को
फ्लैट मालिकों को सीधे कनेक्शन देने के निर्देश दिए हैं। अफसरों का कहना है कि इस संबंध में सभी
आरडब्ल्यूए और एओए से बात की जाएगी। बात नहीं बनी तो सख्ती की जाएगी। जरूरत पड़ी तो पुलिस
की मदद भी ली जाएगी। कनेक्शन देने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। चुनौती यह है कि 90
फीसदी से ज्यादा आरडब्ल्यूए इसके लिए राजी नहीं हैं। पिछले साल अफसरों ने शहर की सभी सोसाइटी
में शिविर लगाकर लोगों को मल्टी कनेक्शन योजना के फायदे बताए थे, लेकिन इससे बात नहीं बनी।
विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता संजीव कुमार वैश्य ने बताया कि बिल्डर सोसाइटियों में रहने वाले
लोगों को मल्टी प्वाइंट कनेक्शन देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को इसके लाभ की
जानकारी दी जा रही है। नियमों के तहत ही सोसाइटी में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन जारी किए जाएंगे।