मलेरिया का एक भी मरीज मिलने पर भी मरीज के घर के आसपास सर्वे
करना होगा। मलेरिया विभाग को शासन ने नए दिशा-निर्देश दिए हैं। पहले मलेरिया विभाग मरीज का
नाम और मलेरिया के प्रकार की जानकारी शासन को देता था। मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कई
अन्य जानकारी भी देनी होगी।
जिले में मलेरिया का मरीज मिलने की स्थिति में मरीज और आसपास के घरों में दवाओं का छिड़काव
भी कराना होगा। वहीं मरीज का ट्रैवल हिस्ट्री भी उपलब्ध करानी होगी। इलाज के दौरान दी गई दवा,
जांच किट की कंपनी का नाम, मरीज का पेशा, आदि की जानकारी भी सर्वे में शामिल किया गया है।
सर्वे में मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति, कितने दिन में मरीज स्वस्थ हुआ, किस-किस तरह की दवा दी
गई आदि पहलुओं को भी अब शामिल करना होगा। पहले मरीजों के नाम और पता की जानकारी दी
जाती थी। एक ही स्थान पर मलेरिया के ज्यादा मरीज मिलने या विशेष अभियान के तहत ही दवाओं का
छिड़काव किया जाता था, लेकिन अब मरीज मिलने की स्थिति में मरीज के घर और आसपास के घरों में
दवा का छिड़काव करना होगा।
साथ ही वहां मच्छरों के लार्वा के नमूने भी जांच के लिए भेजने होंगे।
जिला मलेरिया अधिकारी श्रुति कीर्ति वर्मा ने बताया कि नए दिशा-निर्देश के अनुसार अब मलेरिया का
एक भी मरीज मिलने पर कई नए काम होने हैं। मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब काम होगा।
स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया
मलेरिया की जांच के लिए रक्त स्लाइड बनाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। इनके
द्वारा लिए गए नमूने शासन को भी भेजने हैं। ताकि नमूने लेने के तरीके के बारे में जाना जा सके।
गलत तरीके से नमूना लेने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को दोबारा प्रशिक्षित किया जाएगा। कई बार गलत
स्लाइड बनाने पर जांच रिपोर्ट पर असर पड़ता है, जिससे रिपोर्ट अधूरी रह जाती है।