देवी भक्तों ने केन नदी में भारी मन से दुर्गा प्रतिमाओं को दी अंतिम विदाई

जिले में मंगलवार को दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान भव्य जुलूस
देखने को मिल रहा है। तरह-तरह की दुर्गा प्रतिमाओं की झांकियां देखने को मिल रही हैं। माता को
अंतिम विदाई देने के लिए भक्त ढोल-नगाड़े की धुन पर नृत्य कर रहे हैं। दोपहर से ही देवी प्रतिमाओं
को विसर्जन करने के लिए ले जाया जा रहा है, जो रात लगभग 10 बजे तक चलेगा। जगह-जगह प्रसाद
वितरण और भंडारे हो रहे हैं।


धूम-धड़ाके और गाजे-बाजे के साथ विसर्जन जुलूस प्रशासन द्वारा तय मार्ग से गुजरा। डीजे की धुन पर
डांस करते हुए देवी भक्त रंग और गुलाल उड़ा रहे। माता रानी की विदाई के दौरान उनका मन भारी
जरूर था लेकिन उत्साह भी नजर आ रहा था।

विसर्जन मार्ग पर तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा पंडाल
लगाए गए थे। इन पंडालों में विसर्जन में शामिल देवी भक्तों को जलपान कराया गया। किसी श्रद्धालु ने
हलवा का वितरण किया तो किसी ने श्रद्धालु को मीठा शरबत पिलाया। इधर, केन नदी में विसर्जन घाट
पर पहुंचने के बाद देवी भक्त दुर्गा प्रतिमाओं को नावों पर रखते हुए बीच जलधारा में लेकर पहुंचे। माता
रानी के गगनभेदी जयघोष के साथ दुर्गा प्रतिमाओं को केन नदी में विसर्जित किया गया।


पूरे 9 दिनों तक जगत माता की पूजा अर्चना के दौरान शहर गुलजार था। मंगलवार को जब दुर्गा
प्रतिमाओं का विसर्जन करने का समय आया तो देवी भक्तों का मन विचलित होने लगा। भारी मन से
उत्साह के साथ देवी विमानों को विसर्जन को केन नदी ले जाया गया। मां से जुदाई का समय आया तो
तमाम देवी भक्त फफक-फफक कर रो पड़े। केन नदी में प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए प्रशासन
ने नावों की व्यवस्था की थी।

उधर, केंद्रीय दुर्गा पूजा महोत्सव समिति ने इस वर्ष भी महेश्वरी देवी
चौराहे पर अपना स्टाल लगाकर देवी प्रतिमा के आयोजकों को शील्ड आदि देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर सांसद आर के पटेल, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, संरक्षक राजकुमार शिवहरे, अध्यक्ष
अमित सेठ भोलू, वैश्य राजकुमार राज, मनोज जैन पूर्व चेयरमैन विनोद जैन संजय निगम अकेला
इत्यादि उपस्थित रहे।

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