‘बांसुरी स्वराज को टिकट देना, परिवारवाद का जीता-जागता उदाहरण’, आप नेता सौरभ भारद्वाज नेभाजपा पर कसा तंज

चाहे वह रमेश बिधूड़ी हों, प्रवेश वर्मा हों, मीनाक्षी लेखी हों या गौतम गंभीर हों।
इससे साबित होता है कि बीजेपी ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि बीजेपी सांसद जमीन पर काम
नहीं किया है और लोगों को पता नहीं है। जब भी लोगों को केंद्र सरकार की जरूरत पड़ी, उनके सांसद
वहां नहीं थे।

‘ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को नई दिल्ली लोकसभा सीट से
उम्मीदवार घोषित किए जाने पर सौरभ भारद्वाज ने कहा- भाजपा परिवारवाद के ऊपर बड़ी-बड़ी बातें
कहती है लेकिन आज सुषमा स्वराज जी की बेटी को अगर टिकट दिया जा रहा है तो यह परिवारवाद का
जीता-जागता उदाहरण है। सुषणा स्वराज जी आज यहां नहीं हैं, उनके लिए हमारे मन में सम्मान है,

लेकिन यही सम्मान जब दूसरी राजनीतिक पार्टी के जो लोग नहीं हैं उनके बच्चों को दिया जाता है तो
वह भाजपा में नहीं दिखता है।”

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