Gautam budh nagar ने जनपद के विभिन्न होटल, पब, रेस्टोरेंट, बार एवं अन्य स्थानों पर म्यूजिकल कार्यक्रम आयोजन करने वाले प्रतिष्ठान स्वामियों को बताया है कि उत्तर प्रदेश चलचित्र (विनियमन) (संशोधित) अधिनियम, 2017 की धारा-4 (क) (1) में यह प्राविधान है कि कोई मनोरंजन, जिस पर कर उद्ग्रहणीय हो. चाहे वह कर भुगतान करने के दायित्व से मुक्त हो या न हो, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना आयोजित नहीं किया जायेगा।
Gautam budh nagar
धारा-4 (क) (2) में अनुमति हेतु विद्युत और अग्नि सुरक्षा, कानून और व्यवस्था, लोक व्यवस्था तथा सुरक्षा की समुचित सावधानी के लिये सहायक निदेशक, विद्युत सुरक्षा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी तथा पुलिस विभाग की अनापत्ति आवश्यक है। धारा 4 (क) (3) में ऐसे मनोरंजन के आयोजन को रोका जा सकता है। यदि यह समाधान हो जाता है कि (क) स्वामी ने कोई मिथ्या सूचना दी है, जिसके परिणामस्वरूप करापवंचन सम्भावित हो।
(ख) इस अधिनियम या इसके अधीन बनाये गये किसी उपबंध को भंग किया हो या भंग किया जाना सम्भावित हो। (ग) मनोरंजन आयोजित किये जाने से लोक सुरक्षा, शिष्टता या नैतिकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो। धारा-8 में उक्त अनियमितता / उल्लंघन के लिये सक्षम न्यायालय में अभियोग संस्थित करने का प्रावधान है. जिसमें साधारण कारावास जो छः माह तक बढ़ाया जा सकता या जुर्माना से जिसे 20000 रुपए तक या दोनों से दण्डनीय होगा और लगातार उल्लंघन की दशा में 500 रुपए प्रत्येक दिन तक बढ़ाया जा सकता है।
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