लगातार छठी बार बजट पेश कर कई रिकॉर्ड अपने नाम करेंगी वित्त मंत्री सीतारमण


सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ, मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम
और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगी। इन नेताओं लगातार पांच
बजट पेश किये थे। वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच पांच सालाना बजट और एक
अंतरिम बजट पेश किये थे।


एक फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का पेश होने वाला अंतरिम बजट लेखानुदान होगा। यह सरकार को
अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक कुछ निश्चित मदों में खर्च करने का अधिकार
देगा।


चूंकि आम चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सीतारमण के अंतरिम बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव होने
की संभावना नहीं है।वित्त मंत्री ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में अंतरिम बजट में कोई ‘बड़ी घोषणा’ से इनकार किया था।
उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले सिर्फ लेखानुदान होगा।


आम तौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम
उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है जो अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं।

मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद, अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और
2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बार बजट पेश किए। वर्ष 2017 में सरकार ने फरवरी के
आखिरी कार्य दिवस की जगह एक तारीख को बजट पेश करने का निर्णय किया। इसके साथ ही 28
फरवरी को बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा खत्म कर दी गयी।


जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने एक फरवरी,
2019 को अंतरिम बजट पेश किया।


गोयल ने वेतनभोगी करदाताओं के लिए मानक कटौती को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर
दिया था। साथ ही, जिन करदाताओं की वार्षिक कर योग्य आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है, उनके
लिए कर छूट 2,500 रुपये से बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दी गई।


मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनावों के बाद अपने दूसरे कार्यकाल में सीतारमण को वित्त विभाग की
जिम्मेदारी सौंपी। वह इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं। इंदिरा गांधी ने वित्त
वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था।


पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किये। यह किसी वित्त मंत्री द्वारा पेश
सर्वाधिक बजट है। उन्होंने अंतरिम बजट समेत लगातार छह बार बजट पेश किए थे।
स्वतंत्र भारत का पहला बजट प्रथम वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था।


अपना छठा बजट पेश कर रहीं सीतारमण ग्रामीण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपाय कर सकती हैं।
इसका एक प्रमुख कारण वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चार प्रतिशत से घटकर 1.8
प्रतिशत होने का अनुमान है।

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