न्यायालय के आदेश पर सूरजपुर पुलिस ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट
तैयार कर पड़ोसी अधिवक्ता और उनके परिजनों को झूठे मुकदमे में फंसाने के मामले में वकील और
सरकारी डॉक्टर, पांच नामजद और दो अज्ञात डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने मामले
की जांच शुरू कर दी है।
लखनावली गांव के रहने वाले अधिवक्ता सुनील चपराना ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनके बच्चे
का पड़ोसी के बच्चे के साथ स्कूल बस में झगड़ा हो गया था। इसी बात को लेकर उनके पड़ोसी
वकील सुनील फागना ने सुनील चपराना और उनके बुजुर्ग पिता और दो परिजनों को झूठे मुकदमे में
फंसाने के लिए सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टरों से साठगांठ कर अपनी नाबालिग भतीजी की
पसली टुटने का मेडिकल बनवाकर मुकदमा दर्ज कराया था। फर्जी मेडिकल की सच्चाई सबके सामने
लाने के लिए अधिवक्ता सुनील चपराना ने जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को डॉक्टर अशोक
और वकील सुनील फागना द्वारा फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने के बारे में शिकायत की।
अधिकारियों के आदेश पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी बनाकर पुनः जांच की गई, जिसमें पसली टुटने
की बात झूठी निकली। फर्जी मेडिकल के अलावा सीसीटीवी फुटेज के चलते वकील सुनील फागना
द्वारा बनाई गई कहानी पुलिस की विवेचना में पूरी तरह से झूठी निकली। पीड़ित अधिवक्ता ने इस
मामले में न्यायालय में याचिका दायर की थी। अब न्यायालय के आदेश पर सूरजपुर कोतवाली पुलिस
ने वकील सुनील फागना, उसके चचेरे भाई महेश, रोहित, अजय समेत डॉक्टर अशोक के अलावा दो
अन्य अज्ञात डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज किया है। सूरजपुर कोतवाली प्रभारी का कहना है कि मामले
की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।