संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ के
मद्देनजर दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई
है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कई इलाकों में
अवरोधक लगाए गए है जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है।
एसकेएम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केन्द्र सरकार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य
(एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को मानने का दबाव बनाने के वास्ते
‘भारत बंद’ आहूत किया है।
पंजाब से किसानों ने मंगलवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च प्रारंभ किया था लेकिन सुरक्षा बलों ने दिल्ली और
हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी सीमा पर उन्हें रोक दिया था। इसके बाद से ही किसान शंभू तथा
खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। शुक्रवार को उनके आंदोलन का चौथा दिन है।
दिल्ली और हरियाणा के बीच दो सीमाएं यातायात के लिए बंद हैं और वहां सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती
की गई है। सीमा बंद होने के कारण यात्रियों को कुछ रास्तों से गुजरने में कठिनाइयों का सामना करना
पड़ रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस अतिरिक्त निगरानी रख रही है और संसद तथा अन्य
संवेदनशील स्थानों की ओर जाने वाले रास्तों पर अवरोधक लगाए गए हैं। एसकेएम के ‘भारत बंद’
आह्वान के मद्देनजर दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बंद के कारण शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच
तीसरे दौर की वार्ता बृहस्पतिवार देर रात बेनतीजा रही और अब दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की बैठक
18 फरवरी को होगी। इसबीच किसानों ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे रहने का निर्णय
किया है।
सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने
से रोकने के लिए जगह-जगह अवरोधक, कंटीले तार और सीमेंट के बड़े पत्थर लगाए गए हैं।
मुकरबा चौक के पास जीटी करनाल रोड पर विरोध प्रदर्शन के पहले तीन दिनों में भारी यातायात देखा
गया क्योंकि पुलिस ने सड़क पर अवरोधक और सीमेंट के बड़े पत्थर लगाए थे।
दिल्ली पुलिस ने सिंघू बॉर्डर पर स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात किए हैं और सीमा सुरक्षा
बल (बीएसएफ) की ‘टियर स्मोक यूनिट’ से आंसू गैस के 30,000 से अधिक गोले मंगाए हैं।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की
सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी
हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले
आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।