समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र
मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके परिवार
के सदस्यों को अलग-अलग जेलों में रखने के योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने इसे पार्टी नेता के परिवार को ”परेशान” करने का कदम बताया।
75 वर्षीय आजम खान को, जहां रविवार तड़के सीतापुर जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया, वहीं
उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रविवार तड़के हरदोई जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
रामपुर की एक अदालत ने पिछले हफ्ते खान, उनकी पत्नी तज़ीन फातिमा और बेटे को 2019 के फर्जी
जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई थी। तंजीन
फातिमा रामपुर जेल में बंद हैं।
सपा प्रमुख ने कहा, ”आजम खान के परिवार को जिस तरह से परेशान करने का दुष्चक्र चल रहा है, वह
बेहद निंदनीय है। परिवार के सदस्यों को जेलों में अलग करना सत्ता में बैठे लोगों की पुरानी परंपरा है
और यह किसी भी स्थिति में उचित नहीं है।” न्याय के लिए उनके संघर्ष में हर कोई एक साथ खड़ा है
और आगे भी ऐसा करता रहेगा।”
रविवार को रामपुर जेल से निकलते समय खान ने संवाददाताओं से कहा था कि उनके और उनके बेटे के
साथ ‘कुछ भी’ हो सकता है और वे मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं। इससे पहले, रामपुर से 10 बार के
विधायक खान ने एक अन्य आपराधिक मामले में दो साल से अधिक समय तक सीतापुर जेल में बिताया
था और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मई 2022 में रिहा हुए थे।