गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के पावन संगम में
बृहस्पतिवार को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ भक्तों का महीने भर चलने वाला कल्पवास शुरू हो गया।
माघ मेला प्रशासन के मुताबिक, आज शाम तक करीब 9.80 लाख लोगों ने गंगा स्नान किया।
मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि माघ मेला के द्वितीय स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के अवसर
पर घाटों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। इस तरह से घाटों की कुल लंबाई 3300 फुट से
बढ़कर लगभग 6200 फुट हो गई है।
उन्होंने बताया कि कड़ाके की ठंड के बावजूद बृहस्पतिवार तड़के से ही श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना
शुरू हो गया जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं। पूरे मेला क्षेत्र में जगह जगह
लोगों ने स्नानार्थियों के बीच खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया।
तीर्थ पुरोहित आचार्य राजेंद्र मिश्र ने बताया कि पौष पूर्णिमा स्नान के साथ संगम क्षेत्र में लोगों का
कल्पवास आज से प्रारंभ हो गया जो एक महीने तक चलेगा।
पुलिस उप महानिरीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र ने कहा, “घने कोहरे और शीतलहर के बावजूद
कल्पवासियों ने तड़के से ही स्नान शुरू कर दिया। हालांकि दोपहर में धूप खिलने से स्नान करने वाले
लोगों की संख्या और बढ़ने का अनुमान है।”
उन्होंने बताया कि स्नान के दौरान सुरक्षा के लिए ‘डीप वॉटर बैरिकेडिंग’ तथा जाल की व्यवस्था की गई
है। प्रशिक्षित गोताखोर, जल पुलिस के कर्मी, एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) तथा एनडीआरएफ
(राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) के दल पानी में मौजूद हैं और वे लगातार निगरानी कर रहे हैं।”
मिश्र ने बताया कि अयोध्या से लौटकर माघ मेला प्रवास के लिए आ रहे साधु संतों की सुविधा के लिए
अतिरिक्त वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है।