जनपद में एक अजीबों गरीब मामला मंगलवार को प्रकाश में आया
है। सोमवार को द्वारचार के बाद जनवासे से दुल्हा फरार हो गया। कुछ देर बाद उसे वापस बारात
लाया गया तो वह शादी से मुकर गया। लड़की पक्ष ने वर पक्ष को बंधक बना लिया। पुलिस के
हस्ताक्षेप के बाद लड़के पक्ष द्वारा कन्यापक्ष को सात लाख रुपये देने के बाद सभी को मुक्त कराया
गया।
बशीरपुर गांव की रहने वाली विनोद बिंद की पुत्री साधना बिन्द की शादी आजमगढ़ निवासी रंजीत के
साथ तय हुई थी। 29 अप्रैल को बारात गांव पहुंची और द्वारचार का कार्यक्रम समपन्न कराकर
भोजन की तैयारी चल रही थी। तभी जनवासे से दुल्हा के फरार होने की खबर मिलते ही वधू पक्ष में
हड़कम्प मच गया। दोनों पक्ष दुल्हे को खोजने लगे।
गांव के तालाब किनारे झाड़ियों में छिपे बैठे दुल्हे लड़की पक्ष ने खोज निकाला और उसे जनवासे
लेकर पहुंचे। इसी को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया तो वधु पक्ष ने बारातियों को बंधक बना
लिया। इसकी सूचना लगते ही पहुंची सरायख्वाजा पुलिस ने गांव के बड़े बुजुर्गों की मदद से शादी
करवाने का काफी प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।
लड़की पक्ष दिए गए पैसे और शादी में लगे खर्च की भरपाई करने की मांग किया तो लड़के पक्ष ने
मंजूर करते हुए सात लाख रुपये लड़की के पिता को दिया। तब जाकर 20 घंटे बाद बन्धक लोगों को
मुक्त किया गया। लड़के वाले बिना सादी किए अपने घर चले गये।